दिल्ली : 18वीं लोकसभा का पहला शीतकालीन सत्र आज, सोमवार से शुरू हो रहा है। मौजूदा लोकसभा का यह तीसरा सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कुल 16 विधेयक पेश किए जाएंगे। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले PM मोदी ने कहा, "पुरानी पीढ़ी का काम है आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें। लेकिन 80-90 बार जिनको जनता ने नकार दिया है वे न संसद में चर्चा होने देते हैं न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न वो लोगों के प्रति अपना दायित्व समझ पाते हैं। वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। जनता को उन्हें बार-बार नकारना पड़ रहा है।"
सत्र बहुत फलदायी होगा: पीएम मोदी
संसद के शीतकालीन सत्र पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत के मतदाता लोकतंत्र के प्रति समर्पित हैं, उनका समर्पण संविधान के प्रति है, उनकी आस्था संसदीय कार्य प्रणाली के प्रति है, संसद में बैठे हम सभी लोगों की भावनाओं पर खरा उतरना होगा लोगों की और ये समय की मांग है कि इसकी भरपाई का एक ही रास्ता है कि हम सदन में हर विषय के विभिन्न पहलुओं को उजागर करें, इससे आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी। सत्र बहुत फलदायी होगा...मैं एक बार फिर सभी सम्मानित सांसदों को इस सत्र को जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं।''
हम लोगों की भावनाओं का सम्मान करें: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, ''जनता को उन्हें (विपक्ष को) बार-बार खारिज करना किया...यह लोकतंत्र की शर्त है कि हम लोगों की भावनाओं का सम्मान करें और उनकी आशाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करें।
'' विपक्ष के कुछ सदस्य बहुत जिम्मेदारी से व्यवहार करते हैं, वे भी चाहते हैं कि सदन में काम सुचारू रूप से हो, जिन्हें जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने सहयोगियों की बातों को नजरअंदाज करते हैं, उनकी भावनाओं का अनादर करते हैं.
लोकतंत्र...आज दुनिया भारत की ओर बड़ी आशा भरी नजरों से देख रही है। संसद के समय का हमारा सदुपयोग और सदन में हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे वैश्विक स्तर पर भारत को जो सम्मान मिला है, उसे बल मिले।''