रायपुर। रोजगार सुरक्षा के लिए संघर्षरत बीएड अभ्यर्थियों के समर्थन में अब तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह भी सामने आ गए हैं। तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह द्वारा शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट के दौरान बीएड के पक्ष में मुद्दा उठाया गया। विधायक धर्मजीत सिंह कहा कि न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए आदेश का पालन किया जाए लेकिन ये बीएड के अभ्यर्थी भी छत्तीसगढ़ के ही बेटे/बेटियाँ हैं, इन्हें बीएड का प्रशिक्षण प्राप्त है, डेढ़ साल से ये अपनी शैक्षणिक सेवाएं दे रहे हैं। राज्य में वित्त की समस्या नहीं है, विभाग में हज़ारों पद खाली हैं, इनका समायोजन किया जा सकता है, सरकार इस पर गम्भीरता से विचार करें।
ये है मामला:
गौरतलब है कि परीक्षाफल जारी किए जाने के बाद शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा NCTE 2018 का गजट ख़ारिज कर दिया गया। अब उच्चन्यायालय (बिलासपुर) द्वारा दो हफ़्तों के भीतर बीएड के स्थान पर डीएड को नियुक्ति देने का आदेश दिया गया है।
योग्यता अनुसार करे समायोजित:
पिछले 14 माह से ये सहायक शिक्षक अपनी जमापूँजी लगाकर न्यायालय की लड़ाई लड़ रहे थे तथा अब सरकार से सेवा सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। कोर्ट के फ़ैसले के बाद राज्य के विधायकों तथा सांसदों के पास भटकते इन शिक्षकों का कहना है कि शासन-प्रशासन, नीतिनिर्माताओं की ग़लतियों की सजा हम मेहनतकश युवाओं को दी जा रही है, हम सभी अभ्यर्थी बी.एड., स्नातक/स्नाकोत्तर, टी.ई.टी. की योग्यता रखते हैं। भर्ती परीक्षा में चयनित होकर हमने अपनी पात्रता का प्रमाण दिया है। केवल परीक्षा के उपरांत नियमों में बदलाव की वजह से हमें बाहर किया जा रहा है। राज्य में शिक्षा विभाग के हज़ारों पद रिक्त हैं, हम चयनितों को इनकी योग्यता के अनुसार विभाग में समायोजित किया जा सकता है।