उज्जैन : देशभर में इन दिनों आसमान छू रहे सब्जियों के भाव ने आम जनता के किचन का बजट बिगाड़ दिया है। बाजार में कोई भी सब्जी 50 रूपए किलों से नीचे नहीं बिक रही है। जिसकी वजह से अब लोग सब्जी लेने से परहेज कर रहे है। मानसून ने भले आसमान से बरसने वाली आग को ठंडा कर दिया हो लेकिन सब्जियों के दाम में ऐसी आग लगाई है कि लोगों के मुंह का स्वाद बिगड़ गया है।
आम आदमी की रसाई का बजट बिगड़ा
जुलाई माह शुरू होने के बाद से टमाटर जहां 70 रुपये किलो बिक रहा है, तो वही दूसरी तरफ आलू 35 से 50 रु तक बिक रहा है। धनिया 140 रुपए किलो में बाजार में बिक रहा है। गिलकी मंडी में 60- 80 रुपए किलो बिक रही है। भिंडी 60 रुपए किलो पहुंची गई है। तो वही खाने में सवाद बढ़ाने वाली मिर्ची 80-100 रुपये किलो बिक रही है। कुल मिलाकर बाजार में भी ऐसी कोई सब्जी नहीं है जो की 40 किलो से कम भाव में बिक रही हो। किसानों के अनुसार अभी कुछ दिन और सब्जियों के भाव में तेजी देखने को मिलेगी।
इस वजह से बढे भाव
शहर में बीते तीन चार दिन से सब्जियों के भाव में दोगुनी वृद्धि हो चुकी है। सब्जियों के बढ़ते भाव को लेकर व्यापारी देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि दो-तीन दिन से हो रही बारिश और किसानों द्वारा सोयाबीन की फसल लगाने के कारण सब्जियां जरूरत के हिसाब से शहर में नहीं पहुंच पा रही हैं। इसके चलते सब्जियों के भाव बढ़े हैं। आम आदमी की पहुंच से अब सब्ज़ियां बाहर हो चुकी हैं. जो लोग पहले एक किलो के हिसाब से सब्ज़ी खरीदते थे. वह अब आधा किलो हो गई है।