Validity of PMLA: छत्तीसगढ़ सरकार ने धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय जाचं एजेंसी का इस्तेमाल गैर भाजपा सरकारों को डराने, परेशान करने और सामान्य कामकाज को बाधित करने के लिए किया जाता है.
Read More: एक बार फिर भिड़ेगी राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीम, इस तरह रहेगा प्लेइंग एलेवन...
अनुच्छेद 131 के तहत अधिनियम को चुनौती:
Validity of PMLA: छत्तीसगढ़ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाला राज्य बन गया है. सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत अधिनियम को चुनौती देते हुए याचिका दायर की. इस अनुच्छेद में उल्लेख है कि राज्य को केंद्र या किसी अन्य राज्य के साथ व़िवाद की स्थिति में सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का अधिकार देता है.
Read More: बेरोजगारी भत्ते के लिए जारी नियमों को भाजयुमो ने बताया छलावा, सरकार पर दमन और लाठीचार्ज करने का लगाया आरोप
अब जानिए पूरा मामला:
Validity of PMLA: जानकारों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार कि ओर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और वकील सुमित सोढ़ी ने याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि शक्तियों के अत्यधिक दुरुपयोग के कारण छत्तीसगढ़ को अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूत होना पड़ रहा है . क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार को लगातार अधिकारियों और राज्य के नागरिकों से शिकायत मिल रही है की ईडी जांच के नाम पर यातना दे रही है, गाली- गलोज और मारपीट कर रही है. वरिष्ठ अधिवक्ताओ ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएम नरसिम्हा की बेंच से कहा की यह मुद्दा संवैधानिक महत्व का है और इस पर तत्काल सुनवाई की आवश्कता है बेंच ने कहा की मामला सुनवाई 4 मई को होगी.
Read More: 28 अप्रैल को इस राशि के आय स्रोत में होगी वृद्धि, जमीन जायदाद के कार्यों में मिलेगी सफलता, जानिए क्या कहता है आपका सितारा