रायपुर। छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से संबंधित गड़बड़ियों और घोटालों की छिटपुट खबरों के बीच अब एक नया धमाका सामने आया है। राज्यसभा में इसका खुलासा हुआ है कि देश के अलग-अलग राज्यों में हुए फर्जीवाड़े में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे नंबर पर है। प्रदेश में करीब 120 करोड़ 34 लाख रुपए का घोटाला उजागर हुआ है। हालांकि पड़ोसी मप्र भी छत्तीसगढ़ से कुछ ही कम निकला है, लेकिन महाराष्ट्र अकेला राज्य है, जहां सबसे कम मात्र 19 हजार रुपए का घोटाला हुआ है।
राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई ने दिए आंकड़े
मोदी सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. संसद में एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई ने प्राइवेट हॉस्पिटल के 562.4 करोड़ रुपये के 2.7 लाख क्लेम फर्जी पाए हैं। राज्य स्वास्थ्य एजेंसियां (एसएचए) नियमित डेस्क मेडिकल ऑडिट के साथ-साथ फील्ड ऑडिट भी करती हैं. इसमें कुल 1 हजार 114 अस्पतालों को पैनल से हटा दिया गया है। साथ ही आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत 549 अस्पतालों को सस्पेंड भी किया गया है।
छत्तीसगढ़ में 120 करोड़ 34 लाख का फर्जीवाड़ा
अब देखते हैं कि किस राज्य में कितने रुपयों के फर्जी क्लेम के केस आए हैं। इस मामले में पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां 139 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है। दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है जहां 120 करोड़ 34 लाख के घपले का अंदेशा है। तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश 119 करोड़ 34 लाख के फर्जीवाड़ा की आशंका है। चौथें नंबर पर हरियाणा 45 करोड़ और केरल में 35 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है।
इन राज्यों में सबसे कम
देश के इन राज्यों में फर्जीवाड़े के सबसे कम राशि के क्लेम मिले हैं। इनमें पहले नंबर पर महाराष्ट्र है जहां मात्र 19 हजार का, दादरा नगर हवेली में 98 हजार, दमन में 1 लाख 39 हजार, लद्दाख में 50 हजार, चंडीगढ़ में 4 लाख 4 हजार रुपए के फर्जी क्लेम सामने आये हैं।