भोपाल। जैसी की संभावना थी, वही होता दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने संकल्प ले रखा है कि वे तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगी जब तक सोमेश्वर महादेव मंदिर का ताला नहीं खुल जाता। दूसरी तरफ भोपाल दौरे पर आईं केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने संकेत दिया है कि मंदिर का ताला सरकार नहीं खोलेगी बल्कि मंदिर को संरक्षित रखा जाएगा। सवाल यह है कि अब उमा के संकल्प का क्या होगा, जाे उन्होंने बिना सोचे - समझे रामनवमी के अगले दिन ले डाला था।
कुछ धरोहरों को संरक्षित रखना जरूरी
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी ने कहा है कि मैं उमा भारती की भावनाओं को समझती हूं लेकिन कुछ धराेहरों का संरक्षित रखा जाना जरूरी है। लोगों को पता होना चाहिए कि किस तरह मंदिरों पर आक्रमण हुए। साफ है कि केंद्र सरकार उमा भारती की उम्मीदें पूरी नहीं करने जा रही है। सवाल यह है कि अब उमा क्या करेंगी।
सांसद, मंत्री, विधायकों पर छोड़ी थी जवाबदारी
संकल्प लेने के बाद रविवार को उमा भारती गैरजगंज एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थीं। वहां उन्होंने कहा था कि यहां के सांसद, मंत्री और विधायकों की जवाबदारी है कि वे मंदिर का ताला खुलवाएं। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं बीमारी की वजह से दवाएं लेती हैं और ऐसे व्यक्ति के लिए फलाहार पर रहना नुकसान दायक है। उन्होंने रामपाल सिंह से कहा था कि वे ताला खुलवाने का काम करें। लेकिन मीनाक्षी लेखी के बयान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।