सूरजपुर मौलाना आजाद वार्ड : छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव का बिुगल बज चुका है। संभवता दोनों चुनाव एक साथ संपन्न कराए जा सकते है। हालांकि मतदान अलग अलग दिनों में हो सकता है। चुनावों को लेकर प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा-कांग्रेस ने उम्मीदवारों की खोज शुरू कर दी है। चुनावों की हलचल के बीच छत्तीसगढ़ के सूरजपुर का एक वार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरसअल, छत्तीसगढ़ के सूरजपुर के वार्ड क्रमांक 2 जिसे मौलाना आजाद वार्ड के नाम से जाना जाता है में राजनैतिक दलों को उम्मीदवार नहीं मिल रहे है। यह वार्ड ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है। बताया जा रहा है कि बीते कुछ सालों में जो भी इस वार्ड से चुनाव जीता उसकी कुछ समय बाद मौत हो गई। वार्ड के लोग इसे अपशगुन मानते है। इसी के चलते कोई भी इस वार्ड से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है।
डर के साए में नेता!
बताया जा रहा है कि मौलाना आजाद वार्ड से जो भी पुरूष प्रत्याशी पार्षद का चुनाव जीता उसकी किसी न किसी वजय से मौत हुई है। इतना ही नहीं अगर कोई महिला पार्षद बनी तो उसके पति की मौत हो हुई। हालात ये है कि बीते एक साल से वार्ड बगैर पार्षद के खाली पड़ा हुआ है। लोग इसे अपशगुन मानते है जिसके चलते कोई उम्मीदवारी की हिम्मत नहीं कर पा रहा है।
क्या कहते है लोग?
वार्ड के रहने वाल स्थानीय लोगों का कहना है कि मौलाना आजाद वार्ड से भाजपा के जियाजुल हक पार्षद का चुनाव जीते थे, तो उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वार्ड में अबतक 5 पार्षदों की मौत हो चुकी है।