Surya Grahan 2025: साल 2024 खत्म होने में महज कुछ दिनों का समय बचा है। ऐसे में हर कोई नए साल का इंतजार कर रहा है। 2025 लगते ही एक बार फिर समय का चक्र घुमेगा और लोगों की किस्मत बदल जाएगी। इसी कड़ी में साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च और दूसरा ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है। वैसे तो यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और न ही भारत में रहने वाले लोगों पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा। जिन देशों पर यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा।
इतने बजे से लगेगा सूर्य ग्रहण
बता दें कि साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को होगा।भारतीय समयानुसार 2 : 20 मिनट पर शुरू होगा और 6 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगा। तो वही दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। ग्रहण की शुरुआत रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी और यह 22 सितंबर की तड़के सुबह 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।यह भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
इन शहरों में दिखेगा ग्रहण
यूरोप, एशिया के कुछ हिस्से, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर में दिखेगा।भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा।
क्या है सूतक काल?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 12 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है, जबकि चंद्र ग्रहण में सूतक काल 09 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है. सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय मानते हैं, इसमें कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं करते हैं. सूतक के दौरान बच्चों और बुजुर्गों को छोड़कर सभी को भोजन नहीं करना चाहिए. ग्रहण के समापन के कुछ समय बाद सूतक काल का अंत होता है. जिस स्थान पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां पर सूतक काल मान्य होता है.
ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं
- ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढक दें।
- भूलकर भी देवी-देवताओं की पूजा न करें। सूर्य ग्रहण के दौरान खाना-पीना बिल्कुल न खाएं।
- खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें।
- ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध किया जाता है।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।