Shiv Sena: बाला साहेब ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना का गठन किया था. पिता की बनाई 57 साल पुराणी पार्टी का चुनाव चिन्ह ठाकरे परिवार के हाथ से निकल गया. भारतीय चुनाव आयोग ने फैसला लिया है कि शिवसेना का चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ और आधिकारिक नाम में शिंदे गुट के पास रहेगा.चुनाव चिन्ह के इस फैसले से ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. इससे पहले भी कई ऐसे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने अलग होने के बाद वास्तविक चुनवी चिह्न की मांग की है.
READ MORE: उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया गोरखनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक
शिंदे गुट को मिले इतनी समर्थन:
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला लेते हुए बताए कि विधानसभा में कुल 67 विधायकों में से 40 एमएलए का समर्थन होने के कारण शिवसेना का आधिकारिक नाम और चिन्ह शिंदे गुट को दिया गया. आयोग ने कहा कि शिंदे गुट के साथ 13 सांसद हैं, तो वहीं उद्धव ठाकरे के साथ 7 सांसद हैं .
READ MORE: विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक निर्माणाधीन मस्जिद में की तोड़फोड़, लगे जय श्री राम के नारे
Latest News Video यहाँ देखें: