औबेदुल्लागंज। वन मंडल की रेंज बाड़ी, बरखेड़ा, गौहरगंज के जंगलों में इन दिनों धड़ल्ले से हरे भरे बेस कीमती सागौन के पेड़ों की कटाई की जा रही है। जगह-जगह वनभूमि की जमीन पर पेड़ काटकर अतिक्रमण कर फसल उगाई जा रही है। वहीं अवैध उत्खनन किया जा रहा है।
बाड़ी एवं गौहरगंज रेंज में राजस्थान के भेड़ों-ऊंटों की आड़ में वन क्षेत्रों में अवैध कटाई जोरों पर है। पिछले दिनों हरिभूमि की खबर पर असर हुआ और पांजरा के नातेदार को हटा दिया और भेड़ों को भी वहां से घेर िदया था पीयूआर भी काटा था, मगर 24 घंटे में पुनः गौहरगंज रेंज में भेड़े आ गईं। जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वन बचाओ समिति के सदस्य रिटायर रेंजर और डिप्टी रेंजर सहित सात सदस्यों पड़ताल करके तथ्यों को उजागर कर प्रशासन तक पहुंचाएंगे।
रातापानी जलाशय से वन कर्मचारी एक लाख रुपए प्रति सप्ताह की बेच रहे मछली
बरखेड़ा रेंज में चौका केरी और बरखेड़ा सर्किल के कंपार्टमेंट नंबर 571 एवं 531 और 532 में भारी अवैध उत्खनन जारी है। 2 लाख डंपर से ज्यादा अवैध उत्खनन कर खाई और गहरे गड्ढे रातापानी अभ्यारण में बना दिए हैं। रतापानी जलाशय से 1 लाख रुपए हफ्ते की मछली वन कर्मचारी बिकवा रहे हैं। बाड़ी रेंज सिंगोरी अभ्यारण में राम गडा सर्किल कंपार्टमेंट नंबर 274 एवं 275 में राजस्थान के पांच डेरे रुके हुए हैं। तीन माह हो गए हैं वहीं सागौन की अवैध कटाई पथारिया के पास हुई है। वन भूमि से पेड़ काट कर अतिक्रमण हुआ है।
800 पेड़ काटकर वन भूमि पर किया कब्जा
बीट पाली कंपार्टमेंट नंबर 276 एवं 277 वनभूमि से 800 पेड़ काटकर वन भूमि पर कब्जा हुआ है। काला पाठा में भेड़ों का डेरा वीट रतनपुर फॉरेस्ट नाके के पीछे कंपार्टमेंट नंबर 280 एवं 281 में है। चैनपुर सर्किल में भारी अवैध कटाई कर वन भूमि पर कब्जा हुआ है। बाड़ी रेंज के एक रिटायर्ड डिप्टी रेंजर ने बताया कि करोड़ों के फर्जी बिल वाउचर बने हैं।