दमोह रेस्क्यू : कहते है इंसान के बुरे वक्त में इंसान ही काम आता है। और ऐसे समय में वो किसी भगवान से कम नहीं होते। ऐसा ही एक उदहारण पेश किया है दमोह जिले के एसडीएम, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट और एसडीआरएफ की टीम ने। दमोह में जारी भारी बारिश में दो युवक को अपनी जान बचाने के लिए रातभर पेड़ लटके रहे। जिन्हें एसडीआरएफ की टीम ने अपनी जान पर खेकर रेसक्यू किया और दोनों की जान बचाई। अब प्रदेशभर में टीम की जमकर सराहना की जा रही है।
मछली पकड़ना पड़ा भारी
दरअसल, दमोह जिले में इन दिनों भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है। जिले के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। नदी नाले उफान पर है। इसी बीच जिले की बेवस नदी में दो युवक मछली पकड़ने पहुंचे थे, लेकिन युवकों को यह नहीं पता था की उनको मछली पकड़ना भारी पड़ जाएगा। मछली पकड़ने गए सुनील पादरी और संजय पादरी जब नदी में मछली पकड़ने के लिए जाल बिछा रहे थे, वही नदी जल स्तर तेजी से बढ़ रहा था। धीरे धीरे नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया की युवको को नदी से निकलने के सारे रास्ते बंद हो गए। इसके बाद दोनों युवकों ने अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ का सहारा लिया और चढ़ गए।
रातभर लटके रहे पेड़ पर
पेड़ पर चढ़ने के बाद युवकों ने मदद के लिए जोर जोर से आवाज भी लगाई, लेकिन कोई नहीं आया। दोनों युवक रातभर पेड़ पर लटकर मदद का इंतजार करते रहे। जब दोनों युवक अपने घर नहीं पहुंचे तो उनके परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और बताया की वे दोनों मछली पकड़ने गए थे, लेकिन अबतक नहीं लौटे। वही दोनों युवको के चिल्लाने की आवाज जब ग्रामीणों ने सुनी तो उन्होंने भी पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम और डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष जैन तुरंत अपने दल के साथ मौके के लिए रवाना हो गए।
बंद कराए डैम के गेट
डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष जैन की टीम ने कीचड़ से भरा करीब 4 किलोमीटर का सफर तया किया और किसी तरह से नदी के पास पहुंचे। युवकों को बचाने के लिए टीम ने वोट का सहारा लिया, लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते पेड़ तक संभव नहीं हो सका। टीम जैसे ही नदी में वोट डालती तो तेज बहाव के चलते वोट डगमगाने लगती। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष जैन ने तुरंत प्रशासन के आला अधिकारियों से बात की और पगरा डैम के गेट बंद करने की मदद मांगी। वही प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पगरा डैम के गेट बंद करने के आदेश दिए। गेट बंद होने के बाद पानी का बहाव तो कम हुआ, लेकिन युवकों तक वोट ले जाना संभव नहीं था।
सुबह फिर शुरू हुआ रेसक्यू ऑपरेशन
पानी के तेज बहाव के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को रात में रोकना पड़ा और सुबह का इंतजार किया। सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच टीम ने फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। वोट के माध्यम से नदी के दूसरे मुहाने पर टीम के सदस्य पहुंचे और किसी तरह से दोनों युवकों को पेड़ से उतार और वोट में बैठाकर सुरक्षित स्थान लेकर पहुंचे।
जान पर खेल गए डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट
बताया जा रहा है कि जहां युवक फंसे थे वहां तक पहुंचा काफी कठिन था। क्योंकि पूरा रास्ता कीचड़ से भरा था। मिट्टी के चिकनाव के चलते फिसलन काफी तेज थी, लेकिन डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष जैन की टीम ने हार नहीं मानी और जान पर खेलकर मौके पर पहुंची। खुद डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष जैन ने अपनी टीम के साथ कीचड़ से भरे जोखिम रास्ते का सफर तय किया। पानी के तेज बहाव के चलते रात में युवकों तक पहुंचना संभव नहीं था। इसलिए डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष जैन ने रात में ही वहीं डेरा डाला और सुबह तक का इंतजार किया। जब पगरा डैम के गेट बंद हुए और नदी के पानी का बहाव कम हुआ तब दोनों युवको को सुरक्षित निकाला गया।
हेलीकॉप्टर से पहले पहुंचे भगवान
डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट और उनकी टीम के इस नेक कार्य को लेकर लोग उनकी तारीफ कर रहे है। बताया जा रहा है कि रात में जब रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हो पाया तो जिला कलेक्टर सुधीर कुमार ने मामले की जानकारी प्रदेश सरकार को दी और हेलीकॉप्टर की मदद मांगी थी, लेकिन रात में हेलीकॉप्टर का आना संभव नहीं था। इसके लिए प्रशासन को सुबह तक का इंतजार करना था, लेकिन डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष जैन और एनडीआरएफ की टीम ने हार नहीं मानी और हेलीकॉप्टर का इंतजार ना करते हुए जान पर खेलकर दोनों युवकों का रेस्क्यू किया और उन्हें सुरक्षित अपने परिवार के पास पहुंचाया। लोगों का कहना है कि हेलीकॉप्टर से पहले भगवान पहुंचे है।
कलेक्टर ने की टीम की तारीफ
दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने रेस्क्यू करने वाली टीम की तारीफ की है। दमोह कलेक्टर के ट्वीटर हैंडल से एक पोस्ट में लिखा है कि बटियागढ़ क्षेत्र के सेमरा कछार में पानी के तेज बहाव के बीच कल से फंसे दोनों ग्रामीणों को आज सुबह सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। SDM श्री निकेत चौरसिया, जिला कमांडेंट होमगार्ड श्री हर्ष जैन, तहसीलदार श्री रॉबिन जैन, EE WRD श्री पुष्पेंद्र सिंह