रीवा के दीपक सिंह अपने परिवार एवं गांव के पहले भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के लेफ्टिनेंट बने। दादाजी स्वर्गीय नायब सूबेदार भोला सिंह (रिटायर्ड)के सपने को पूरा किया बचपन से आर्मी परिवार में पले एवं उनकी शिक्षा नाना नानी राममिलन सिंह (शिक्षक) के घर हुई उनके पिता किसान स्व. नरेंद्र सिंह एवं माता सुनीता सिंह ग्राम बेलहा जिला रीवा मध्य प्रदेश उनके हीरो है ।
ऐसे शुरू हुआ भारतीय सैन्य अकादमी तक का सफर :
उनका यह सपनों का सफर उनके स्कूल सरदार पटेल हायर सेकेंडरी रीवा से शुरू हो गया जब पहली बार उन्होंने एनडीए के बारे में जाना एनडीए में सफल न होने पर टेक्निकल सोल्जर में भर्ती हुए एवं 3EME सेंटर में ट्रेनिंग पूरी की 2(I) पैरा फील्ड वर्कशॉप कंपनी आगरा से पैराट्रूपर बने उन्होंने लगातार ACC एवं SCO अटेम्प्ट दिए और PC(SL) के पहले प्रयास में सफल होकर पूरे परिवार, शिक्षक, भारतीय सेना एवं पैरा वर्कशॉप परिवार का नाम रोशन किया साथ ही साथ उनकी लिखी कविता “SKY AS I SEE IT” भारतीय सैन्य अकादमी गैलरी म्यूजियम में प्रदर्शित हुई।
वह अपनी सफलता का श्रेय भारतीय सेना, Amas अकादमी, पैराट्रूपर परिवार, बहन, भाई, उनकी माता सुनीता सिंह एव पत्नी प्रिया सिंह (कबीर नगर, रायपुर छत्तीसगढ़ ) को देते हैं। युवाओं के लिए संदेश नशे से दूर रहे, सैनिक बन देश का नाम रोशन करें।