भोपाल : देशभर में टाइगर स्टेट नाम से अपनी एक अलग पहचान बनाने वाला मध्य प्रदेश को एक बार फिर आठवां टाइगर रिजर्व की सौगात मिलने जा रही है। बता दें कि प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व रातापानी होगा। मोहन सरकार ने रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिसको लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
रातापानी में 3000 से ज्यादा वन प्राणियों
बता दें कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए 13 साल पहले यानी साल 2011 में ही सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। बाघ, तेंदुआ समेत 3000 से ज्यादा वन प्राणियों वाला रातापानी वाइल्डलाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व बनाने जा रहा है। जिसके चलते प्रदेश में एक बार फिर लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। बता दें कि राताापनी अभयारण्य तीन जिलों भोपाल, सीहोर एवं रायसेन-औबेदुल्लागंज के वनमंडलों में आता है। जहां वर्तमान में करीब 56 बाघ विचरण कर रहे हैं। इसे टाइगर रिजर्व बनाने के लिए वन विभाग लंबे समय से प्रयास कर रहा था।
सेंचुरी में लगभग 45 से अधिक बाघ
रातापानी सेंचुरी में 45 बाघ, 300 तेंदुए, 10 हजार चीतल और सांभर भी है. साथ ही 185 प्रजाति के पक्षी व 45 तरह की तितलियों की प्रजाति पाई गई है. यहां की जैव विविधिता अन्य टाइगर रिजर्व से बेहतर है. इसका खुलासा वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के अध्ययन में हुआ है. यदि बात करें रातापानी लेंड स्केप की तो यहां पर 2022 की गणना में 96 बाघों की उपस्थित की पुष्टि हुई. यह स्थिति किसी भी टाइगर रिजर्व जैसी ही है.
MP में कितने और किस जिले में हैं टाइगर रिजर्व
पेंच टाइगर रिजर्व छिंदवाड़ा, सिवनी जिलों में है। कान्हा टाइगर रिजर्व, मंडला जिले में है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया जिले में है। पन्ना टाइगर रिजर्व पन्ना जिले में है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम जिले में है। संजय दुबरी टाइगर रिजर्व सीधी जिले में है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिलों में है। रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल में प्रस्तावित है।