संदीप करिहार// बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के शंखनाद होते ही भाजपा और कांग्रेस पार्टी अपने अपने दावेदारों की समीक्षा करने में जुट गई है। बिलासपुर में कांग्रेसी पार्टी के पर्यवेक्षक जांजगीर के पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन को बनाया गया है और उन्हें आज मंगलवार को कांग्रेस भवन में आकर दावेदारों से 121 कर चुनाव के संदर्भ में बातचीत करना था। दोपहर 12 बजे से कार्यकर्ता और उम्मीदवारों को कांगड़ा भवन में बुलाया गया। बिलासपुर संगठन प्रभारी सुबोध हरितवाल ने बैठक को शुरू कर दिया है। बैठक में नगरीय निकाय चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ बैठक में शामिल हुए है।
सुबोध हरितवाल ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश :
बता दें कि बैठक में अव्यस्वथा और कार्यकर्ता की बातचीत से अशांति होते देख नाराजगी जाहिर करते हुए मंचसीन की कुर्सी से खड़े होकर सुबोध हरितवाल ने कार्यकर्ताओं को अनुशासन की पाठ पढ़ाते हुए व्यवस्था बनाने की अपील की। आगे उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में वक्ताओं की बातों को गंभीरता से सुने। इनके अगुवाई में ही नगर निगम महापौर और पार्षद का चुनाव लड़ना है। एक दूसरे के आपस में बातचीत से अशांति व्यवस्था फ़ैल रही है। सुबोध हरितवाल की नाराज़गी भी जायज लग रही थी। एक तरफ़ प्रभारी मोतीलाल देवांगन का समय पर नहीं पहुँचा और उनके आने की ख़बर को लेकर कार्यकर्ताओं का उनसे पल-पल में पूछना थोड़ा परेशान तो किया होगा। अपनी नाराजगी को सुबोध नहीं रोक पाये और कार्यकर्ताओं को अनुशासन की शिक्षा देने खड़े हो गए। वहीं पीछे की गुटूर-गू में कार्यकर्ता आपस में आज हो रही भाषण से ख़फ़ा थे कि आज भाषण सुनने थोड़ी आए है। अब चुनाव का समय 20 दिन से भी कम बचा हुआ है। ऐसे में समय का काफ़ी आभाव है और नेता के प्रतीक्षा में नेताओं का मनोपल्ली भाषण चल रहा है। लिहाज़ा पीछे बैठे कार्यकर्ता अपने मन की भड़ास को पीछे बैठकर एक दूसरे से बातचीत करते हुए निकाल रहे थे। इस बैठक में अब हर किसी के ज़ेहन में केवल एक ही सवाल था कि 121 की बैठक अब होगी की नहीं। इसका जवाब किसी भी नेताओं के पास नहीं था। अब होगा , नेताजी के आने बाद , तब होगा। ऐसी चर्चा सुर्खियों में चलती रही।
शेख नजीरुद्दीन ने कार्यकर्ताओं पर जताई नाराजगी :
इधर बैठक में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस की बैठक शुरू हुई। बैठक में सुबोध की बात को आगे बढ़ाते हुए बिलासपुर के वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद एवं नगर निगम के पूर्व सभापति शेख नजीरुद्दीन भी ख़ुद को नहीं रोक पाये और माइक में कार्यकर्ताओं को ही बोल गए। उन्होंने कहा कि कहा बैठक में कांग्रेसी कार्यकर्ता कांग्रेस को सुनने के लिए कम, तमाशा करने ज़्यादा आते है। यदि कांग्रेसी अनुशासन को बनाए रखते तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ को हारते नहीं। इसे सुनकर बैठक में मौजूद पदाधिकारी और कार्यकर्ता एक दूसरे का बगल झांकने लगे और कुछ समय तक कांग्रेस भवन का सभागार में सन्नाटा पसर चुका था।
शैलेश पांडेय ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश :
पूर्व विधायक शैलेश पांडेय बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि भाजपा अहंकार में जी रही है.. लोरमी के माहौल को समझने का प्रयास कर रहा हूं। लोरमी छोटी जगह है विधानसभा है.. लोरमी में कांग्रेस के पक्ष में गजब का माहौल है।कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एक जुट होकर काम करना चाहती है।
बिलासपुर नगर निगम में पिछले एक साल में कोई बजट नहीं आया..? भाजपा बड़े-बड़े दावा कर रही है, निगम क्षेत्र में 1 साल में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है।भाजपा चुनाव का निर्णय भी नहीं कर पा रही थी, यही मौका है। जिसे पार्टी टिकट देगी, उसे एकजुट होकर जिताना है। कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकता, दावेदारी करिए ईमानदारी से चुनाव लड़ें। निकाय चुनाव में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाना है, कांग्रेस का महापौर बनाना है। कांग्रेस का महापौर का पद आना चाहिए, सभापति का पद आना चाहिए।