जबलपुर। प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के मामले में सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी है कि सत्र 2024-25 में एक भी नया नर्सिंग कॉलेज नहीं खोला जाएगा। केवल पुराने और सीबीआई जांच में पात्र कॉलेजों को ही इस वर्ष मान्यता दी जाएगी। वहीं हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को जस्टिस संजय द्विवेदी एवं जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ के समक्ष हुई। दृष्टि द विजन एजुकेशन एंड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी छतरपुर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मध्यप्रदेश सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई थी।
केवल मान्यता नवीनीकरण के लिए पोर्टल खोला
सरकार की ओर से कहा गया है कि नर्सिंग कॉलेजों का मामला 2 साल से हाईकोर्ट की मॉनीटरिंग में सीबीआई जांच में है। इस कारण इस साल केवल मान्यता नवीनीकरण के लिए पोर्टल खोला गया है। सीबीआई जांच में पात्र पाए गए काॅलेजों को नवीनीकरण की मान्यता दी जाएगी। याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने शासन के उस निर्णय को चुनौती दी, जिसमें नर्सिंग घोटाले की अनियमितता में लिप्त इंस्पेक्टर अनीता चांद को ही नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता को रजिस्ट्रार के प्रकरण में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने कहा है।