Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कांग्रेस के विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर हमले के 5 दिन बाद माओवादियों ने अपनी सफाई देते हुए एक पर्चा जारी किया है। माओवादियों के पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी के प्रवक्ता मोहन ने हमले को लेकर प्रेस नोट के जरिए अपना जवाब दिया है। नक्सलियों का कहना है कि हमला निशाना किसी राजनेता पर नहीं था, पुलिस पर था। हमने पुलिस जवानों के काफिले को समझकर फायरिंग कर दी। यह हमला TCOC (टैक्टिकल काउंटर ऑफ ऑफेंसिव कैंपेन) के तहत किया गया था। किसी नेता को टारगेट करके हमला नहीं किया गया था। इसके अलावा इस नोट में हवाई हमले का भी जिक्र किया गया है। आपको बता दें, 3 सालों में 3 बार यर स्ट्राइक किए गए हैं। 7 अप्रैल को सुकमा के पामेड़ इलाके में भी एयर स्ट्राइक का हमला हुआ था।
विक्रम मंडावी के काफिले पर कब हुआ था हमला...
18 अप्रैल को नक्सलियों ने बीजापुर-गंगालूर रोड पर कांग्रेसी विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर फायरिंग की थी। इस दौरान विधायक और बाकी जनप्रतिनिधि सुरक्षित थे। वहीं अगर माओवादियों का कहना है कि, जवानों ने कई फर्जी गिरफ्तारी और फर्जी मुठभेड़ों किए है। इसी के खिलाफ हम घटना को अंजाम दे रहे है।
2019 में हुई थी भाजपा विधायक की हत्या...
दरअसल, साल 2019 में भी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा से विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हमला किया था। इस दौरान उनकी मौत हो गई थी। बीजापुर में भी भाजपा के पूर्व वन मंत्री और विधायक रहे महेश गागड़ा के काफिले पर हमला हुआ था। 2013 में हुए हमले में झीरम घाटी में कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 32 लोगों की मौत हो गई थी।
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