Ajay Jamwal : भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने प्रदेश के सांसदों और विधायकों से दो टूक शब्दों में कहा कि आप लोग नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को कमतर नहीं आकें। उन्हें बैठकों में सम्मान से स्थान दिलाएं और संवाद स्थापित कर नगर निगाय और पंचायत प्रतिनिधयों के साथ समन्वय बनाकर क्षेत्र का विकास करें, क्योंकि सांसद और विधायक तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम के साथ भाजपा सरकारों के कार्यों और संगठन शक्ति के संयुक्त प्रयासों से चुनाव जीतकर माननीय बनते हैं।
प्रतिनिधियों बनाकर रखे समन्वय
जामवाल ने आगे कहा है कि इसके विपरीत त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधि पार्टी के झंडा-बैनर का उपयोग किए बिना अपने व्यवहार, कार्यों और जनता के बीच पहुंच के कारण चुनाव जीतते हैं। महापौर का पद छोड़ दिया जाए, तो कमोवेश यही स्थिति नगरीय निकाय प्रतिनिधियों की होती है, क्योंकि वे पार्टी से अधिक अपने व्यवहार, कार्यों और छवि के कारण चुनाव जीतकर आते हैं। ऐसे में सांसद-विधायक नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों को कमतर नहीं आंके और बैठकों में सम्मान देने के साथ उनसे समन्वय बनाकर क्षेत्र का विकास करें।
होली के पहले ली बैठक
जामवाल मध्यप्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद के साथ होली के दो दिन पहले भोपाल और नर्मदापुरम संभाग की बैठकें ले रहे थे। दरअसल जामवाल को पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों की संभागस्तरीय बैठकें लेकर उनसे बातचीत कर पार्टी संगठन के कार्यों को धरातल पर और मजबूती से पहुंचाने के साथ उनकी समस्याओं को जानने का जिम्मा सौंपा है।
निकाय- पंचायत प्रतिनिधियों की नहीं सुनते माननीय
भाजपा संगठन को जमीन स्तर पर और मजबूत बनाने के लिए नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की संभाग स्तरीय बैठकों में जो सबसे बड़ी बात निकलकर सामने आई है, उसमें यह है कि सांसद-विधायक इन जनप्रतिनिधियों की बातों को न तो सुनते हैं और न ही उन्हें तबज्जो देते हैं। नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों ने संभाग स्तरीय बैठकों में अपनी बात रखते हुए कहा कि जब हमारे क्षेत्र के माननीय हम लोगों की बातों को नहीं सुनते हैं, कार्यों में हीलाहवाली करते हैं, ऐसे में हम पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए कैसे कार्य करें। जन प्रतिनिधियों की इन बातों को भाजपा संगठन ने गंभीरता से लिया है और अब विधायकों और सांसदों को समझाइश दी जा रही है कि सांसद-विधायक नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों को कमतर नहीं आंके और बैठकों में सम्मान देने के साथ उनसे समन्वय बनाकर क्षेत्र का विकास करें।
चुनाव जिताने वालों का बुलाया जाना चाहिए था सम्मेलन
क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने दो संभागों की बैठक के बाद भाजपा प्रदेश संगठन के सामने भी हैरानी जताई है कि प्रदेश में नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए करीब दो साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन इन प्रतिनिधियों का पार्टी स्तर पर सम्मेलन नहीं बुलाया जा सका। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल का भी मानना है कि नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों में 80 प्रतिशत से अधिक प्रतिनिधि भाजपा के हैं, ऐसे में इन जनप्रतिनिधियों का पार्टी स्तर पर सम्मेलन बुलाया जाना चाहिए था। ऐसा नहीं होने से संगठन को मजबूती देने वाले कार्यकर्ताओं के लिए अच्छा मैसेज नहीं जाएगा। भाजपा सूत्रों की मानें तो रंगपंचमी के बाद क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अन्य पदाधिकारियों के साथ अन्य संभागों की बैठकें करेंगे।