भोपाल। मध्यप्रदेश की हवा को साफ और स्वच्छ रखने के लिए मध्यप्रदेश के 20 जिलों में 785.40 हेक्टेयर में नगर वन विकसित किये जा रहे है। इस योजना के तहत 20 शहरों में कुल 785.40 हेक्टेयर में यह वन विकसित करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। शहरों में नगर वन के लिए केंद्र ने 1282.32 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। वन अधिकारियों का कहना ह कि बनाए जा रहे नगर वन लोगों के लिए ऑक्सीजन बैंक का काम करेंगे।
वन विभाग की ग्रीन इंडिया मिशन शाखा ने इसकी जिम्मेदारी संबंधित वन मंडल को सौंपी है। नगर वाटिकाओं में स्थानीय जलवायु के अनुरूप फलदार, औषधीय के साथ ही जैव विविधता से परिपूर्ण पौधे लगाए जाएंगे। इसमें ज्यादा से ज्यादा आॅक्सीजन देने वाले पौधे रोपे जाएंगे। वन व वाटिकाओं के कुल स्थान के दो-तिहाई हिस्से में पौधारोपण और एक-तिहाई में न्यूनतम निर्माण करते हुए पार्क, पाथवे, बच्चों के लिए झूले आदि लगाए जाएंगे।
कुछ स्थानों पर ओपन जिम भी बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में शुद्ध जलवायु प्रदान करने तथा शहरी निवासियों को प्रकृति की अनुभूति प्रदान करने के उद्देश्य से नगर वनों एवं नगर वाटिकाओं की स्थापना की गई है। प्रदेश में स्थापित किए जा रहे नगर वनों की संख्या 50 से अधिक है। विभाग का लक्ष्य प्रदेश में कम से कम ऐसे 100 नगर वन विकसित करने का है। इसके अलावा, देश के एकमात्र अनुभूति कार्यक्रम के अंतर्गत युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण तथा मिशन लाइफ के साथ जोड़कर प्रो प्लेनेट पीपुल बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास किया गया है और लगभग 5 लाख 76 हजार विद्यार्थियों को जंगल भ्रमण करा कर प्रकृति से जोड़ा गया है।
भोपाल और पन्ना सहित कई जिलों में निर्माण
बैतूल, बागली, सोनकक्ष, शिवपुरी, भिंड, बुधनी, शाहगंज, उमरिया, घटवाड़ा, जमालपुरा, श्यामगढ़, पन्ना, नीमच, देवास, सैलाना, भोपाल, महीदपुर, मकदौन, नीमच, आगर, कंचना, वारासिवनी, बालाघाट, कोनजहीर, सीमरोल, इंदौर, शिवपुरी, में हवा स्वच्छ रखने के लिए वन और वाटिकाओं का निर्माण होगा।
पब्लिक को जागरूक बनाना भी एक उद्देश्य
शहरी क्षेत्रों में नगर वन बनाने के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि वन और पर्यावरण के प्रति आम पब्लिक को जागरूक बनाना है। नगर वन में वॉकिंग व जॉगिंग ट्रैक बनाया जाएगा। योग के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जिस पर कारपेट ग्रास लगाई जाएगी। लोगों को पेड़, पौधों व वन्यप्राणियों की भी जानकारी दी जाएगी।
क्लाइमेट चेंज के असर को करेंगे कम
प्रदेश की बढ़ती आबादी और क्लाइमेट चेंज के असर को कम करने के लिए तैयार किए नगर वन शहरों के लिए आॅक्सीजन बैंक का काम करेंगे। इसमें ज्यादा से ज्यादा आॅक्सीजन देने वाले पौधे रोपे जाएंगे। पौधों और जैव विविधता के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा पर्यावरण संरक्षण का विकास करने की मंशा से नगर वन बनाया जा रहा है।
पुरुषोत्तम धीमान, एपीसीसीएफ ग्रीन इंडिया मिशन