भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अलग-अलग टीमों ने सुबह भोपाल और ग्वालियर में 8 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापे मारे। ईडी की यह कार्रवाई भोपाल में नवोदय अस्पताल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल के घर और अस्पताल सहित 4 ठिकानों और ग्वालियर में रिटायर्ड सब रजिस्ट्रार केके अरोरा के 4 ठिकानों पर की गई। बताया जा रहा है कि भोपाल और ग्वालियर में एक साथ हुई इस रेड के तार आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले से जुड़े हैं। ईडी की टीम छापे में बरामद दस्तावेजों की जांच में जुटी है। ईडी की टीम सबसे पहले भोपाल में इंद्रपुरी स्थित नवोदय हॉस्पिटल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल के घर और अस्पताल 4 ठिकानों पर कार्रवाई की। इस दौरान टीम ने एकाउंट से जुड़े सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया।
इसके अलावा ईडी की एक टीम एमपी नगर जोन टू स्थित नवोदय अस्पताल भी पहुंची। यहां से भी बड़ी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए। ईडी की टीम सुबह से लेकर देर रात तक मौजूद रही। इस दौरान स्टाफ को बाहर जाने पर रोक दिया गया। वहीं बाहर से आने वाले मरीजों के परिजनों के पास चेक करने के बाद ही एंट्री दी जा रही थी। बताया जा रहा है िक सौरभ शर्मा मामले में निवेश से जुड़े कुछ लिंक ईडी की टीम को मिले थे, इस कारण ईडी की टीम बारी बारी से करीबियों पर छापे मार रही है।
परिवहन चेक पोस्ट पर दलाली का बड़ा नेटवर्क
परिवहन विभाग (आरटीओ) में कॉन्स्टेबल रहे सौरभ शर्मा और उसके करीबियों पर नाकों पर तैनाती कराने के लिए दलाली के आरोप हैं। सौरभ ने महज 7 साल की नौकरी में प्रदेशभर में दलाली का बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया। इसकी शिकायत परिवहन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों पर की जाने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने का फैसला लिया। इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ परप्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा। सौरभ के ठिकानों पर लोकायुक्त की कार्रवाई चल रही थी, इसी बीच 19 और 20 दिसंबर की रात इनकम टैक्स की टीम ने मेंडोरी के जंगल में इनोवा कार से 54 किलो सोने की सिल्लियां और 11 करोड़ रुपए नगद बरामद किए।
वित्तीय अनियमितता से जुड़े दस्तावेज जब्त किए
वहीं, सब रजिस्ट्रार के ग्वालियर में मुरार स्थित सीपी कॉलोनी समेत 4 जगहों पर छापे मारे गए हैं। यहां भी वित्तीय अनियमितता से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए गए। दरअसल पूर्व सीनियर सब रजिस्ट्रार अरोरा, विनय हासवानी के बिजनेस पार्टनर हैं। भोपाल के मेंडोरी स्थित विनय हासवानी के फार्म हाउस से ही 54 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश से लदी कार मिली थी। वह सौरभ के मौसा पूर्व डीएसपी मुनीश राजोरिया का दामाद है।
सुरक्षा की गारंटी हो तो सामने आकर सौरभ करेगा बड़ा खुलासा
इधर, आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के वकील सूर्यकांत बुझाड़े ने खुलासा किया है कि छापे में बरामद सोना और संपत्ति केवल सौरभ की नहीं है यह पुराना सिंडीकेट है । बरामद सोना कैश ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं का है। सुरक्षा की गारंटी मिले तो सौरभ सामने आकर खुलासा करेगा। बताया जा रहा है कि इसके लिए सौरभ ने एक पत्र भी सरकार को लिखा है। पत्र में उसने लिखा है कि उसको और परिवार को सुरक्षा की गारंटी मिले तो वह सब कुछ खुलासा करने को तैयार है। वकील का कहना है कि जांच एजेसियों ने एक मानसिकता बना ली है कि सौरभ ही आरोपी है जबकि सौरभ एक आसान टार्गेट था इसलिए उस पर सब कुछ डाल दिया गया। विदित हो कि सौरभ शर्मा के मामले में लोकायुक्त, आयकर और ईडी तीनों एजेसियां जांच कर रही है। हालांकि अभी जांच एजेसियों की कार्रवाई आगे नहीं बढृ़ पा रही क्योंकि सौरभ शर्मा उनकी गिरफ्त से दूर है। उसके आने के बाद ही सच्चाई का पता लग सकेगा।
किराएदारों से की पूछताछ
ईडी की टीम ने ग्वालियर के मुरार में पूर्व सब रजिस्ट्रार के सीपी कालोनी स्थित घर पर दबिश दी तो अरोरा पत्नी सहित गायब मिले। उनके किराएदारों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे 25 दिन पहले ही घर से चले गए और इस समय बेंगलुरु में हैं। टीम ने कमरों को लॉक कर दिया था। दस्तावेजों की जांच के दौरान उनको बाहर नहीं जाने दिया। यहां तक की किरायदारों के बच्चों को भी स्कूल नहीं जाने दिया गया।