MP New Map : मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद अब मध्यप्रदेश का नया अध्याय शुरू होने वाला है। मध्यप्रदेश का नक्शा बदलने वाला है। प्रदेश में नए पायलेट प्रोजक्ट की शुरूआत होने जा रही है। जी हां सीएम मोहन यादव ने प्रदेश में नए पायलेट प्रोजक्ट को शुरू करने के निर्देश दिए है। जल्द ही प्रदेश को नया नक्शा मिलेगा।
प्रदेश के नए मुखिया के साथ नया प्रदेश का नक्शा भी सामने आएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी किए है। प्रदेश सरकार ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए संभाग स्तर से लेकर जिला स्तर तक सुविधाओं और सीमाओं को बदलने की तैयारी शुरू की है। प्रदेश में जिला स्तर तक बदलाव किया जाएगा। यानी कुल मिलाकर प्रदेश को नया पॉलिटिकल नक्श देखने को मिलेगा।
सीएम मोहन यादव ने प्रदेश का नया अध्याय गणने के लिए संभाग और जिला स्तर तक सीमाओं का पुनर्निधारण करने का वीणा उठाया है। इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा। गठन होने वाली कमेटी जिला स्तर तक जाएगी और एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समने पेश करेगीं और इसकी शुरूआत इंदौर से होगी।
बदलेंगी सीमाएं?
मोहन सरकार के नए पायलेट प्रोजक्ट के अनुसार प्रदेश की संभागीय सीमाएं बदल सकती है। दरअसल, नर्मदापुरम संभाग में अभी फिलहाल तीन जिले आते है। नरसिंहपुर जिले की सीमाएं नर्मदापुरम से लगी हुई है, लेकिन मुख्यालय जबलपुर आता है। ऐसे में नरसिंहपुर को नर्मदापुरम संभाग में शिफ्ट किया जा सकता है। ठीक उसी तरह जबलपुर संभाग में अभी फिलहाल 8 जिले है, लेकिन डिंडोरी जिला शहडोल से लगा हुआ है ऐसे में जबलपुर संभाग में डिंडोरी को शामिल किया जा सकता है।
वही मंडीदीप रायसेन जिले में आता है, लेकिन मंडीदीप की भोपाल से दूसरी महज 10 किलोमीटर की है ऐसे में मंडीदीप को भोपाल में शामिल किया जा सकता है। वैसे ही इंदौर से सटे पीथमपुर का मुख्यालय धार है, तो पीथमपुर को इंदौर में शामिल किया जा सकता है। प्रदेशभर में ऐसे कई शहर है जो बड़े जिलों की सीमाओं से लगे है, लेकिन उनका मुख्यालय कही और है लोगों को परेशानियों का सामना करना होता हैं। ऐसे में सरकार आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए शहरी सीमाओं को बादल सकती है।