भोपाल। इंदौर में भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के घर हमला करने और नाबलिग बेटे को निर्वस्त्र कर पीटने की घटना के 8 दिन बाद आरोपी पार्षद जीतू यादव को प्रदेश भाजपा ने 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया है। खास बात यह है कि लगातार पड़ रहे दबाव के बाद जीतू ने खुद नगर निगम के एमआईसी सदस्य और भाजपा की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन, भाजपा ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर उन्हें खुद पार्टी से बाहर निकाल दिया।
भाजपा ने यह कार्रवाई तब की जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई, पीएमओ कार्यालय से पूरी रिपोर्ट तलब कर ली गई और खुद जीतू ने इस्तीफा दे दिया। बीती 3 जनवरी को 40-50 लोगों ने भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर हमला किया था। कालरा के नाबालिग बेटे ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि गुंडों ने उसके प्राइवेट पार्ट को भी चोट पहुंचाई। अंडरवियर खींचकर निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया। हमलावर जीतू के समर्थक बताए जा रहे हैं।
विवाद के बीच जीतू और कालरा की बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हुआ। इसमें जीतू कहते दिखाई पड़ रहे हैं कि संगठन जाए चूल्हे में। मैं अपनी जगह और संगठन अपनी जगह। घटना की शिकायत पार्षद कालरा ने पीएमओ और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी की थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। मामले में मानवाधिकार आयोग ने इंदौर पुलिस कमिश्नर से 3 हफ्ते में जांच रिपोर्ट मांगी है।
13 बदमाशों की पहचान 6 की गिरफ्तारी
जूनी इंदौर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखकर 13 आरोपी बदमाशों की पहचान कर ली। इनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें विनय, नवीन, अरुण उर्फ गोलू, कृष्णा, ललित और पिंटू शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने 24 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस का कहना है कि अभी तक जीतू यादव के नाम से कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। हालांकि, पुलिस ने जीतू की पूरी क्राइम कुंडली खंगाल ली है। पुलिस का कहना है कि जीतू यादव ने 1999 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। तब से 2019 तक जीतू पर 11 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 10 केस परदेशीपुरा और 1 संयोगितागंज थाने में ही दर्ज हुआ है।