भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में बुजुर्ग मां बाप को सताने वालों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही ह, हालांकि यह अच्छी बात है कि इन बुजुर्गों को एसडीएम कोर्ट से राहत भी मिल रही है। हालात यह है कि जिंदगी भर कमाकर अपने बच्चों को पैरों पर खड़ा करने के बाद यह बच्चे ही मां बाप को घर से बेदखल कर रहे है। कहीं बंगले की मालकिन बुजुर्ग को किराये के कमरे में रहना पड़ रहा है, तो कहीं सरकारी नौकरी से रिटायर हुए पिता को बेटे घर से बेदखल करने पर अड़े हुए हैं।
एसडीएम ने दिखाई सख्ती तो बेटा बोला सेवा करुंगा
शशि राठौर पत्नी गणेश राठौर उम्र 63 साल ने शिकायत में बताया कि पति ने कोहेफिजा की बीडीए कॉलोनी में बंगला बनवाया था। इस मकान में पांच कमरे, दो किचिन तीन बाथरूम हैं। पति के नाम से इमामी गेट पर कपिल आॅटो पार्टस की दुकान है, जिसका संचालन बड़ा बेटा कपिल करता है। बेरिंग हाउस का संचालन मिथुन करता है। लेकिन पुत्रों ने उन्हें घर से बेदखल कर दिया है। अब मां को किराये के कमरे में रहना पड़ रहा ह। एसडीएम ने एक तरफा आदेश सुनाते हुए दोनों को 5-5 हजार रुपए भरण पोषण के तहत एक मई से देने का आदेश दिया।
सरकारी नौकरी में दो बेटे, फिर भी बुजुर्ग मां को कर रहे थे परेशान
पिता की मौत के बाद अस्सी वर्षीय बुजुर्ग मां मीरा नागदेव की सेवा की जिम्मेदारी तीन बेटों के कंधों पर आ गई। यहां पर दो बेटों ने सेवा तो दूर की बात, मां को ही परेशान करना शुरू कर दिया। यही नहीं मकान की रजिस्ट्री भी छोटे बेटे ने अपने कब्जे में ले ली। खास बात तो यह है कि उसी मां की सेवा के लिए मझले बेटे ने सीआईएसफ की नौकरी छोड़ दी और सेवा करने भोपाल आ गया। बुजुर्ग महिला ने एसडीएम गोविंदपुरा मनोज वर्मा के यहां भरण पोषण के तहत आवेदन किया। यहां मां ने बेटों से उनका मकान मुक्त कराने और भरण पोषण दिलाने की गुहार लगाई। एसडीएम ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद बड़े और छोटे बेटे को घर से बेदखल करने का आदेश सुनाया है।
बेटे अब करेंगे मां बाप की सेवा
एमपी स्टेट इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड से रिटायर हुए अब्दुल अतीक उम्र 70 वर्ष राजीव नगर नारियलखेड़ा में पत्नी हनीफा बी के साथ रहते हैं। यहां पर उनके तीन बेटे जुबेर, उवेस और मोहम्मद आयाज भी साथ रहते हैं। तीनों की शादी हो गई है। बेटों से परेशान बुजुर्गो ने बैरागढ़ एसडीएम मनोज उपाध्याय के यहां शिकायत आवेदन दिया था। इसमें तीनों बेटों पर घर से निकालने की साजिश का आरोप लगाया था। जिसको लेकर सुनवाई के बाद एसडीएम ने तीनों बेटों को प्रत्येक माह दो-दो हजार रुपए का खर्च देने के आदेश दिए।