Lalu Prasad's corruption case: CBI ने एक बार फिर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला खोल दिया है. इससे राजद प्रमुख लालू प्रसाद की मुश्किलें और बढ़ गई है. यह मामला प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी को आवंटित भारतीय रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित है।
कब का है मामला:
लालू प्रसाद का यह मामला प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी को आवंटित भारतीय रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित है। ये उस समय का मामला है जब वह केंद्र की UPA-2 सरकार में रेलमंत्री थे. ये मामला 2018 में दर्ज किया गया था, और फिर 2021 में बंद कर दिया गया था. सीबीआई ने न सिर्फ लालू यादव बल्कि उनके बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और दो बेटियों रजनी यादव और चंदा यादव को भी मामले में आरोपी बनाया है।
राजद नेता ने भाजपा पर लगाया आरोप:
राजद नेता ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि "केस 2018 में खुलने के बाद 2021 में बंद हो गया था क्योंकि कोई साबुत नहीं मिले थे फिर क्यों अब खोला गया है यब एक साजिश है ताकि लालू यादव को जेल में बंद कर सके और 2024 की गद्दी हथिया सके".
लगे आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार ने दी सफाई:
जिसके बाद भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने सफाई दी कि "CBI एक स्वतंत्र एजेंसी है जिसका सरकार से कोई लेना देना नहीं है.
जाँच एजेंसी के पुनः मामला खोलने के पीछे का रीज़न है क्योकि उनका मानना है कि लालू भ्रष्टाचार में शामिल थे. इस सभी में भाजपा का कोई हाथ नहीं है. नरेन्द्र मोदी सरकार न तो किसी को बचाती हिया और न ही फंसाती है. राजद नेताओं द्वारा भाजपा पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार है।"
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