बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे प्रदेश में पुन्नी स्नान कहते हैं। इसी परंपरा के निर्वहन के लिए बलौदा बाजार जिले के पलारी में भी लोग ऐतिहासिक बाल समुन्द तालाब सिद्धेश्वर मंदिर में आज तड़के पहुंच कर आस्था की डुबकी लगा रहे है। इसके बाद दीपदान कर भगवान से अपनी सुख समृद्धि की कामना भी कर रहे है।
कार्तिक मास में नदी और तालाबों में स्नान कर सूर्योदय से पहले पूजा की जाती है। इसका विशेष महत्व है। आज ही के दिन से प्रदेश में मेलों की परंपरा की शुरुआत होती है। आज ही बलौदा बाजार जिले के पलारी में ऐतिहासिक पुन्नी मेला लगता है। नगर का यह मेला कई मायनों में महत्वपूर्ण है, जैसे 150 एकड़ में फैले विशाल तालाब बाल समुन्द तट पर मेले का आयोजन होता है।
रात दो बजे से ही लोग बड़ी संख्या में पुन्नी स्नान कर दीप दान करने के लिए यहां पहुंच रहे है। मंदिर प्रांगण में ही सिद्ध बाबा की पुरानी मूर्तियां स्थापित हैं। ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी व्यक्ति श्रद्धा से यहां मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।