Indian Railway Auto Upgradation Scheme: कई बार ट्रेन के सफर के दौरान हमे कंफर्म सीट नहीं मिली है। और अगर आपको स्लीपर क्लास में सीट मिल भी जाए और आपको पता चले की आपको एसी3 क्लास में सीट अलर्ट कर दी गई है तो आप थोड़ा परेशान हो सकते है। क्योंकि स्लीपर क्लास का चार्ज एसी क्लास से कम होता है। ऐसे में आपको लगेगा की कहीं एक्स्ट्रा चार्ज तो नहीं देना पड़ेगा, लेकिन आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह मेहरबानी रेलवे ने आप पर की है।
जी हां यह रेलवे की एक स्कीम है। इस स्कीम का नाम हैं ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम। रेलवे ने यह स्कीम यात्रियों को सुविधा देने और अपने घाटे से बचने के लिए निकाली है। इस स्कीम से यात्रियों को कम दाम में ज्यादा फायदा भी मिला जाता है।
क्या है ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम
दरअसल, कई बार ट्रेन के एसी कोच महंगे किराए के चलते खाली रह जाते है। ऐसे में रेलवे को नुकसान होता है। इसी नुकसान की भरपाई करने के लिए रेलवे ने ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम निकाली है। इस स्कीम के तहत जब अपर क्लास में कोई बर्थ खाली रह जाती है तो रेलवे एक क्लास नीचे वाले यात्री को उस क्लास में अपग्रेड कर देता है। जैसे की जब किसी ट्रेन के फर्स्ट एसी में 8 सीट खाली है और सेकेंड एसी में 4 सीट खाली है, तो ऐसे में रेलवे सेकेंड एसी के कुछ पैसेंजर्स को अपग्रेड कर उन्हें फर्स्ट एसी में डाल देता है। और सेकेंड एसी में थर्ड एसी के पैसेंजर्स को अपग्रेड कर देता है। जिसके बाद थर्ड एसी में हुई खाली सीटे वेटिंग वाले पैसेंजर को मिल जाएंगी।
ऐसे ले स्कीम का फायदा
जब आप टिकट बुक करते है तो एक ऑप्शन में आपसे पूछा जाता है कि आप अपने टिकट को ऑटो अपग्रेड पर डालना चाहते है। तो इसके लिए आपको हां का ऑप्शन चुनना होगा। अगर आप यह ऑप्शन नहीं चुनते तो आपको इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। और हां टिकट अपग्रेड होने की स्थिति में आपका PNR नंबर में कोई बदलाव नहीं होगा। अैर अगर आप टिकट अपग्रेड होने के बाद टिकट कैंसिल करते है तो आपको मूल टिकट के हिसाब से ही रिफंड मिलेगा।