Turkey में आम चुनाव (Election 2023) हुआ जिसमें राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ( Recep Tayyip Erdogan) ने में एक बार फिर बाजी मारी है। एर्दोगन तुर्किये के फिर से राष्ट्रपित होंगे। रविवार को चुनाव के दूसरे दौर में उन्होंने विपक्षी नेता कमाल केलिकदारोग्लू (Kemal Kilicdaroglu) को करीब चार फीसदी मतों के अंतर से चुनावों में हरा दिया है। वर्तमान राष्ट्रपति एर्दोगन को कुल 52.1 प्रतिशत मत मिले, वहीं विपक्षी नेता कमाल केलिकदारोग्लू को 47.9 फीसदी मत मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्किये में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी को 50 फीसदी का आंकड़ा पार करना बेहद जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 99 प्रतिशत से अधिक मतपेटियों के खुलने के साथ ही परिणामों ने एर्दोगन (Erdogan) को 52 प्रतिशत वोट के साथ दिखाया, जबकि उनके चैलेंजर कमाल केलिकदारोग्लू को 48 फीसदी वोट मिले। तुर्की के चुनावी बोर्ड के प्रमुख ने जीत की पुष्टि कर दी है। इससे सत्ता में 20 वर्ष पूरे कर चुके एर्दोगन अगले पांच साल के लिए भी तुर्किये के राष्ट्रपति ही बने रहेंगे।
एर्दोगन ने जनता को दिया धन्यवाद :
चुनावी नतीजे सामने आने के बाद उन्होंने इस्तांबुल (Istanbul) में अपने घर के बाहर एक अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम आपके भरोसे के लायक होने की उम्मीद करते हैं, जैसा कि हम 21 साल से हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे देश में वास्तविक लोकतंत्र नहीं आ जाता, तब तक हम इस संघर्ष में सबसे आगे रहेंगे। लोगों के द्वारा उन्हे वोट दिए जाने पर उनका आभार भी व्यक्त किया है।
नतीजों का विश्व पर होने वाला असर:
तुर्किये (Turkey) में हुए राष्ट्रपित (President) चुनाव का असर वैश्विक स्तर पर भी अलग मायने रखता है। तुर्किये यूरोप और एशिया के मध्य में स्थित है और अमेरिका के संगठन नाटो का सदस्य है। तुर्की में किसका शासन है, इसका असर पूरे विश्व पर भी होता है। एर्दोगन की सरकार का रूख पाकिस्तान के साथ अधिक नजर आया है। कश्मीर के मुद्दे को लेकर तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन हमेशा पाकिस्तान (Pakistan) के पक्ष में खड़े रहते हुए नजर आए हैं। वह संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में जम्मू-कश्मीर का मामला भी उठा चुके हैं।
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