Newborn Baby Cold : सर्दी-जुकाम किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन जब बात नवजात शिशु की हो, तो यह माता-पिता के लिए चिंता का कारण बन जाता है। नवजात शिशु का शरीर नाजुक होता है और उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती, जिससे उन्हें सर्दी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियां जल्दी हो सकती हैं। इस स्थिति में माता-पिता को बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं, घरेलू उपाय कर अपने शिशु को सर्दी-जुकाम से राहत दिला सकते हैं।
इन्फेक्शन
सर्दी-जुकाम होने का मुख्य कारण होता है वायरस संक्रमण। कोई व्यक्ति शिशु के पास छींकता या खांसता है, तो वायरस शिशु में प्रवेश करता है।
मौसम में बदलाव
बच्चों का शरीर तापमान में बदलाव को जल्दी नहीं संभाल पाता, इसलिए सर्दी के मौसम में उन्हें ठंड लगने का खतरा बढ़ जाता है।
अन्य व्यक्ति का संक्रमित होना
अगर घर में किसी और को सर्दी-जुकाम है, तो नवजात शिशु के संपर्क में आने से वह भी प्रभावित हो सकता है।
बच्चे को दें आराम
इस दौरान बच्चे को आराम देना सबसे जरूरी है। नवजात शिशु को अपनी गोदी में आराम से रखें, ताकि वह आराम महसूस कर सके। किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि या ज्यादा हिलाने- डुलाने से बचें, क्योंकि इससे बच्चा ज्यादा परेशान हो सकता है। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा आरामदायक और शांत वातावरण में हो।
बच्चे की नाक की सफाई
सर्दी-जुकाम के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी बच्चे को नाक बंद होने से होती है। जब शिशु का नाक बंद होता है, तो वह दूध सही से नहीं पी पाता और गहरी नींद भी नहीं ले पाता।
सेलाइन नेजल ड्रॉप्स
शिशु की नाक में जमा बलगम को ढीला करने के लिए सेलाइन ड्रॉप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ड्रॉप्स नाक को साफ रखने में मदद करते हैं और बच्चे की सांस लेने में आसानी होती है। हालांकि, किसी भी प्रकार के सेलाइन ड्रॉप्स का उपयोग करने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है, ताकि शिशु की सेहत को ध्यान में रखते हुए सही मार्गदर्शन मिल सके।
नेजल एस्पिरेटर
शिशु की नाक में जमा बलगम को बाहर निकालने के लिए नेजल एस्पिरेटर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह उपकरण हल्के दबाव से बलगम को बाहर खींचने में मदद करता है, जिससे शिशु को सांस लेने में आसानी होती है। नेजल एस्पिरेटर का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें और इसे धीरे-धीरे प्रयोग करें, ताकि शिशु को कोई असुविधा न हो।
ठंडी हवा से बचाएं
सर्दी-जुकाम के दौरान बच्चे को ठंडी और बर्फीली हवा से दूर रखें। यदि आप एयर कंडीशनर या पंखा चलाती हैं, तो सुनिश्चित करें कि उसकी दिशा बच्चे की ओर न हो। ठंडी हवा शिशु के सर्दी- जुकाम को और बढ़ा सकती है। कमरे का तापमान आरामदायक रखें और अधिक ठंडा या गर्म न होने दें।
बच्चे के खान-पान पर ध्यान दें
जब बच्चा सर्दी-जुकाम से परेशान होता है, तो वह सही से दूध नहीं पी पाता, लेकिन यह जरूरी है कि उसे हाइड्रेटेड रखा जाए। नवजात शिशु का पोषण मुख्य रुप से मां के दूध पर निर्भर करता है। अगर बच्चा मां का दूध पी रहा है, तो उसे अधिक से अधिक दूध पिलाने का प्रयास करें। मां के दूध में प्राकृतिक एंटीबॉडीज होते हैं, जो बच्चे को संक्रमण से लडने में मदद करते हैं। अगर बच्चा दूध नहीं पी पा रहा, तो डॉक्टर से संपर्क करें। शिशु के लिए हाइड्रेशन बहुत जरुरी है, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि उसे पर्याप्त मात्रा में तरल मिल रहा हो।
हल्की गर्मी का एहसास दें
बच्चे को हल्की गर्मी देने से उसे आराम मिल सकता है। आप बच्चे के कमरे में हीटर का इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन इसका तापमान सही रखें, क्योंकि बहुत अधिक गर्मी भी बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा, बच्चे के कपड़े हल्के और आरामदायक होने चाहिए। कपड़े उसे न तो ज्यादा गर्म रखें और न ही ठंडे।
डॉक्टर से सलाह कब लें?
अगर आपके नवजात शिशु की यदि धरेलू उपचार से तबीयत ठीक नहीं हो रही है, और यदि बच्चे की सर्दी-जुकाम में निम्नलिखित लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें!
बुखारः अगर बच्चे को 100°F से अधिक बुखार है।
सांस लेने में कठिनाईः यदि शिशु को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
बच्चा दूध नहीं पी पा रहाः अगर बच्चा ठीक से दूध नहीं पी पा रहा और कमजोर महसूस कर रहा है।
लंबे समय तक खांसी: खांसी अगर ज्यादा दिनों तक जारी रहती है, तो यह फेफड़ों में संक्रमण का संकेत हो सकता है।
सर्दी-जुकाम के लक्षण
छोटे बच्चे अपनी परेशानी जाहिर नहीं कर सकते, इसलिए उनके लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि आप सही समय पर कार्रवाई कर सकें। लक्षणों में शामिल हो सकते हैं।
नाक से बहाव : शिशु की नाक से पानी जैसा तरल निकलना सर्दी का मुख्य संकेत हो सकता है।
नाक बंद होना : ठंड के कारण बच्चों की नाक बंद हो जाती है, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है।
खांसी : बच्चों में हल्की-खांसी भी सर्दी का लक्षण हो सकती है।
छींक आना : अगर बच्चा बार-बार छींक रहा है, तो यह सर्दी का लक्षण हो सकता है।
चिड़चिड़ापन : सर्दी-जुकाम के कारण बच्चा आराम से नहीं सो पाता, जिससे उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है।