संजय यादव // कवर्धा - लोहारीडीह कांड पर जिस तरह छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक लगातार मामले सामने आ रहे हैं उससे ऐसा लगता है मानो यह न केवल सरकार की गले की फांस बनते जा रही है बल्कि पुलिस की विश्वसनीयता और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठना शुरू हो गया है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि पिछले दो माह में लोहारीडीह कांड पर विपक्ष का हमला और पुलिस का नाटकीय अंदाज में कारवाई ने जनता को भी झकझोर दिया है।
फंदे पर लटकी मिली लाश, ग्रामीणों ने उपसरपंच के घर को लगाया आग:
बता दें कि 15 सितंबर को लोहारीडीह में कचरू साहू की फंदे पर लटकी लाश मिलने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने गांव के उपसरपंच रघुनाथ साहू के घर को आग के हवाले किया और रघुनाथ साहू को जिन्दा जला दिया गया क्योंकि ग्रामीण मानते थे कि कचरू साहू ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनकी हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने प्रथम दृष्टया उसे आत्महत्या बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके बावजूद पुलिस ने गांव के 169 के खिलाफ नामजद FIR किया और तकरीबन 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें 30 से ज्यादा महिलाएं भी है जो भई भी जेल में ही है।
कस्टडी में लिए युवक की थाने में हो जाती है मौत :
इधर घटना के दो दिन बाद पुलिस कस्टडी में ही प्रशान्त साहू नामक युवक की मौत हो जाती है। इससे एक बार फिर लोहारीडीह की घटना पूरे प्रदेश में गरमा जाती है। पुलिस पर लापरवाही और हत्या का आरोप लगता है। आनन फानन में रेगांखार थाना अंतर्गत सभी स्टाफ को हटाया जाता है और एएसपी विकास कुमार को भी सस्पेंड किया जाता है। लेकिन इतना होने के बाद भी न सवाल कम होता है और ना ही मामला शांत होता है बल्कि मामला हाईकोर्ट तक भी चला जाता है। कचरू साहू के परिवार की तरफ याचिका दायर होती है जिसमें कचरू साहू की हत्या और पोस्टमार्टम दोबारा करने की मांग की जाती है।
दिए दोबारा पोस्टमार्टम के निर्देश, लोगों के गिरफ्तारी पर उठे सवाल :
हालांकि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में यह याचिका खारिज हो गई। लेकिन जबलपुर हाईकोर्ट में इस याचिका पर फैसला आने के बाद यह बात सिद्ध हो जाती है कि पुलिस ने किस तरह से बिना जांच किए ही कचरू साहू की मौत को आत्महत्या बताया बल्कि शार्ट पीएम रिपोर्ट को ही सत्य बताकर प्रचारित किया। अब जब जबलपुर हाइकोर्ट ने कचरू साहू का दोबारा पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया है इससे हड़कंप मच गया है। वहीं कबीरधाम पुलिस बैकफुट पर नजर आ रही है और लोहारीडीह कांड में गिरफ्तार 24 लोगों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर रिहाई देने की पेशकश की है। इसमें भी सवाल उठ रहा है कि आखिर अगर इतने लोगों के खिलाफ पुलिस के पास कोई सबूत नहीं थी तो उनकी गिरफ्तारी क्यों की गई।
कांग्रेस नेता तुकाराम चंद्रवंशी ने सरकार को दोषी मानते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा और कबीरधाम पुलिस को लोहारीडीह कांड पर गांव वालों से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने इसे सरकार और प्रदेश के पुलिस विभाग के लिए शर्मशार कर देने वाली बात कही है।