MP Weather Update : शरद ऋतु के शुरू होने के साथ ही राजधानी भोपाल के प्रमुख मंदिरों के पट खुलने व बंद होने का समय बदलने के साथ ही भगवान का श्रृंगार और खानपान भी बदल गया है। मंदिरों में भगवान को सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़ों की पोशाक पहनाने के साथ ही रजाई, शॉल ओढ़ाई जा रही है, जिससे उन्हें ठंड का अहसास न हो सके।
सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही रात जल्द होने लगी हैं। इसे देखते हुए मंदिरों के खुलने का समय भी बदल गया है। बिड़ला मंदिर, गुफा मंदिर, श्रीजी मंदिर भवानी मंदिर सहित नगर के प्रमुख मंदिरों में मंदिर खुलने और पट बंद होने का समय बदल गया है। राजधानी के लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिड़ला) में आधा घंटे देरी से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी को जगाया जा रहा रहा है, वहीं शाम को भी आधा घंटे जल्दी पूजा-आरती की जा रही है। एक नवंबर से सेवा का समय बदल गया है। माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी के मंदिर के पूर्व तय समय से आधा घंटे देरी जाग रहे हैं। मंदिर के पट सुबह 6 बजे खुलते हैं। 6.30 बजे पूजा-आरती की जाती है।
भगवान को गर्म कपड़े और गर्म भोग
भोपाल के लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में विराजमान श्रीजी प्रभु की हवेली में सर्दी से बचाव के इंतजाम किए गए हैं। प्रभु को मोटे रुई के वस्त्र व रुई का कोर्ट पहनाया जा रहा है। भोग में सौंठ, तिल्ली-गुड़ से निर्मित बर्फी को शामिल किया जा रहा है। कीर्तन में भी गर्म राग यानि हिलांग शुरू हो गई है। अधिक ठंड बढ़ने पर प्रभु जी के पास कोयले की सिगड़ी जलना शुरू हो जाएगी।
मंदिर से बाहर नही जाएंगे प्रभु
बसंत पंचमी तक श्रीजी प्रभु किसी भी प्रकार के उत्सव के लिए निजी मंदिर से बाहर नहीं जाएंगे। गर्भगृह की खिड़कियों में रजाई के पर्दा लगाए गए हैं। तो वहीं सोमवारा चौक स्थित भवानी मंदिर में विराजमान माता रानी को श्रृंगार स्वरूप प्रतिदिन गरम ऊनी वस्त्रों की पोशाक पहनाई जाती है। साथ ही भोग-प्रसादी में गरम भोज्य पदार्थों को शामिल किया जाता है। मंदिर के सेवक रमेश सैनी ने बताया कि मंदिर में माता रानी के गर्भगृह में प्रतिवर्ष मौसम के अनुकूल व्यवस्थाएं की जाती हैं। इस वर्ष भी ठंड से बचाव के इंतजाम किए गए हैं।