स्पर्श शर्मा// नई दिल्ली: नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। दिल्ली से लेकर मुंबई और जालंधर, कोलकाता तक भक्त पंडालों में पहुंचे और नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के दर्शन किए। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन दिल्ली के झंडेवालान माता मंदिर में पारंपरिक आरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित नौ दिवसीय उत्सव पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
कलश स्थापना या घट स्थापना भी की जाती है:
इस त्योहार में देवी के विभिन्न रूपों को पूजा जाता है।नवरात्रि का पहला दिन आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 3 अक्टूबर 2024 को है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। झंडेवालन मंदिर के पंडित ने बताया कि इस दिन ही कलश स्थापना या घट स्थापना भी की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
मां शैलपुत्री की पूजा का है विधान:
बता दें की शारदीय नवरात्रि के पहले दिन, देवी शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिमालयराज के घर जब पुत्री का जन्म हुआ तो उनका नाम शैलपुत्री रखा गया. मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ है, इसलिए इन्हें वृषारूढा के नाम से भी बुलाया जाता है. मां शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता हैं. उन्हें सती के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह सती मां का ही दूसरा रूप हैं