नई दिल्ली। विशेष अदालत के न्यायाधीश संजय बंसल ने छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से संबंधित मामले में सभी आरोपियों को दोषी ठहराया है। सजा की अवधि पर 18 जुलाई को बहस होगी। इस मामले में सजा से संबंधित यह 13वां फैसला है।
इस मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, दो वरिष्ठ नौकरशाह के एस क्रोफा और केसी सामरिया, जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मनोज कुमार जयसवाल आदि शामिल हैं।
कोर्ट ने उन्हें आईपीसी की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत दोषी ठहराया है। अदालत ने वरिष्ठ लोक अभियोजक ए पी सिंह की दलीलों को स्वीकार कर लिया कि सीबीआई सभी उचित संदेहों से परे अपना मामला साबित करने में सक्षम थी।
इसने 20 नवंबर, 2014 को मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और मामले की आगे की जांच करने का निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि पूर्व सांसद ने तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्रों में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था, जो तब थे कोयला पोर्टफोलियो अपने पास रखा।
अदालत ने कहा था कि लोकमत समूह के अध्यक्ष विजय दर्डा ने छत्तीसगढ़ में फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक को जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित कराने के लिए ऐसा किया था।