भोपाल। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा प्रस्तुत बजट पर गुरुवार को विधानसभा में चर्चा शुरू हुई। भाजपा ने जहां बजट की खूबियां बताई तो विपक्ष ने कहा कि सरकार कर्ज लेकर घी पी रही है। भाजपा के सीतासरण शर्मा ने चर्चा में राजधानी के प्रमुख दैनिक हरिभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि उसने भी बजट की तारीफ की है, जबकि विपक्ष सिर्फ खामियां निकालने का काम कर रहा है। विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र कुमार सिंह ने ऋषि चार्वाक का जिक्र करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष उनका अनुयायी दिखता है और कर्ज लेकर घी पी रहा है। सरकार यह कहावत चरितार्थ कर रही है कि खाओ, पियो और मस्त रहो। सिंह ने सलाह दी कि सरकार को ऋषि चार्वाक के कहे पर नहीं चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले वर्ष 45 हजार करोड़ कर्ज लिया था और इस वर्ष 55 हजार करोड़ लेने जा रही है। उन्होंने कहा कि बजट में जिन योजनाओं का जिक्र किया है, उन्हें संचालित करने के लिए बजट में किए गए प्रावधान के अलावा 95 हजार करोड़ रुपए की और जरूरत है। सरकार यह कहां से जुटाएगी जबकि केंद्र सरकार और कर्ज लेने की अनुमति नहीं दे रहा है।
बजट में एक भी टैक्स नहीं लगाया
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और होशंगाबाद से भाजपा विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा ने विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बजट को बड़ा सोच-समझकर तैयार किया गया है। सबसे बड़ी बात तो यह कि एक रुपए भी टैक्स नहीं लगाया गया है। वहीं 16 प्रतिशत बजट का आकार बढ़ गया। पत्रकारों और अर्थ शास्त्रियों ने बजट की तारीफ की है। एक विधानसभा में 3 से 4 सीएम राइज स्कूल खोले जाने का प्रावधान है। पीएम श्री एक्सीलेंस कालेज खोले जा रहे है। उन्होंने कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा कि तीर्थदर्शन योजना जो इनकी सरकार ने बंद कर दी थी, उसे हम लोग 6 महीने में 2 बाद हरी झंडी दिखा चुके है। प्लेन से भी तीर्थ यात्रियों को ले जा रहे हैं।
मप्र का बजट विकसित भारत के प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुरूप: विधायक अभिलाष
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व 2024-25 का बजट सर्व-स्पर्शी, सर्व समावेशी एवं प्रदेश के जन-जन और हर क्षेत्र के कल्याण के प्रति समर्पित बजट है।
यह बात गुरूवार को सदन में जबलपुर विधायक डॉ. अभिलाष पांडेय ने आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा के दौरान कही। उन्होंने सदन में कहा कि मोहन सरकार का बजट विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकल्प के अनुरूप है। यह बजट मप्र की अग्रणी भूमिका एवं समाज के चार अमृत स्तंभ जिसमें नारी शक्ति, युवा, किसान और गरीब इन्हीं के उत्थान पर केंद्रित है। इस साल का मप्र शासन का कुल बजट 365067 करोड़ है, जो पिछले साल के बजट की तुलना में 50000 करोड़ से भी अधिक है। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बहुत-बुहत धन्यवाद।
अब 2003-04 का रोना बंद करना चाहिए: राजेंद्र
कांग्रेस के राजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार आज भी अपने काम की तुलना 2003-04 से करती है, जबकि अब यह रोना बंद करना चाहिए। भाजपा को सत्ता में लगभग 20 साल हो चुके हैं। सिंह ने सुझाव दिया कि सरकार को व्यापार और राेजगार पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अब इन्वेस्टर्स समिट का नाम बदला है, जबकि पहले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का अनुभव अच्छा नहीं है। जो आंकड़ दिए जाते थे वे अविश्वसनी दिखते थे इसीलिए नतीजे भी अच्छे नही रहे। सिंह ने अन्य कई मुद्दों पर भी बजट की खामियां गिनाईं।
बजट में आय बढ़ाने पर ध्यान नहीं: मिश्रा
इधर, कांग्रेस के विधायक अभय मिश्रा ने बजट का निराशजनक करार देते हुए कहा कि बजट में आय बढ़ाने पर फोकस नहीं किया गया। उद्योग में निवेश इस बार मात्र 38 लाख बढ़ाया गया है। उन्होंने बजट के अलावा रीवा में अपराधिक गतिविधियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि रीवा में इस साल 25 हजार अपराध घटित हुए हैं और 5 हजार से ज्यादा अपहरण के केस दर्ज हुए हैं। इधर, कैग की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि रीवा में निर्मित हुए पुलों में बड़ा खेल हुआ है।
उन्होंने उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक मंत्री के संरक्षण में यह हो रहा है। इधर, कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने बजट पर चर्चा के दौरान सदन में कहा कि सुनने में तो बहुत अच्छा लगा है, लेकिन बजट के अंदर आंकड़े की हकीकत का पता चलता है कि बजट की 80 प्रतिशत राशि सरकार ने अपने व्यय के लिए रखी है, उसका जनता से कोई लेना-देना नहीं है।