Crude Oil Price: भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों में एक बुरी खबर आई है क्योंकि सस्ते पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि सऊदी अरब और रूस ने कच्चे तेल के उत्पादन में कमी का फैसला लिया है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ गए हैं। 5 सितंबर, 2023 को, कच्चे तेल की कीमतें पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई हैं।
ब्रेंट क्रूड की कीमत ने 11 महीनों के हाई पर पहुंचकर 90.19 डॉलर प्रति बैरल को छू लिया है, और WTI क्रूड की कीमत भी 87.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। सऊदी अरब और रूस ने दोनों ही देशों में कच्चे तेल के उत्पादन कम करने का फैसला किया है और ये कमी दिसंबर 2023 तक जारी रहेगी। सऊदी अरब ने अगले महीने कच्चे तेल के उत्पादन को दोबारा समीक्षा करने का भी फैसला किया है, और अब रूस भी इस अवधि में कच्चे तेल के निर्यात को कम कर रहा है।
सऊदी अरब और रूस के कच्चे तेल के उत्पादन में कमी के फैसले ने भारत को बड़ा झटका पहुंचाया है। हाल ही में, मोदी सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की थी, इसके बाद लोग सोच रहे थे कि सरकार चुनावों के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती है। लेकिन अब कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल के बाद, सरकार के लिए कीमतों को घटाना मुश्किल होगा।
2023 में, जब कच्चे तेल के दाम 75 से 80 डॉलर प्रति बैरल के पास आ गए थे, तो सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल बेचने से बड़ा मुनाफा हो रहा था। तब भी इन कंपनियों ने आम लोगों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई राहत नहीं दी थी। इसलिए, अब जब कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई हैं, तो सरकारी कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती करने की संभावना पर संशय है।
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