नई दिल्ली: कोरोना महामारी से दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हुई. कोविड से बचाव के लिए कई देशों की सरकारों की तरफ से आनन फानन में लोगों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की गयी. दुनिया की कई कंपनियों ने कोविड वैक्सीन बनाया था. उन्हीं में से एक कंपनी एस्ट्राजेनेका थी. एस्ट्राजेनेका जिसने कोविशील्ड नामक कोरोना वैक्सीन का निर्माण किया था इस कंपनी ने स्वीकार किया है कि उसके द्वारा बनाए गए वैक्सीन से लोगों को कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. कंपनी ने कहा है कि "इससे खून के थक्के जमने की संभावना है". गौरतलब है कि भारत में 1 अरब 70 करोड़ डोजेज कोविशील्ड के लगाए गए थे.
ब्लड क्लॉटिंग क्या होता है?
ब्लड क्लॉट होने की स्थिति को थ्रोम्बोसिस कहते हैं, और यह शरीर के किसी भी जगह पर हो सकती है. जैसे नसें, आर्टरीज या दिल के अंदर. इसी वजह से शरीर के अंगों में ठीक तरह से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है. ब्लड क्लॉटिंग से बचने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव किये जा सकते हैं. थ्रोम्बोसिस के कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और प्लेटलेट्स गिरने का खतरा बढ़ जाता है.
कोरोना के टीके लेने के बाद कब तक हो सकती है तकलीफ?
भारत में कोरोना के किसी भी टीके के लगने के दौरान लंबे वक्त तक मॉनिटरिंग की, पोर्टल बना, कमिटी बनी, समय समय पर इसको देखा गया. अब एस्ट्रेजनेका को लेकर आई खबर के बाद भारत के कोविशील्ड सवालों के घेरे में है, हालांकि जानकारों का मानना है कि इतना लंबा असर नहीं होता है. कोई दिक्कत आती है तो या तो टीके के तुरंत बाद दिखती है या फिर महीने से डेढ़ महीने में असर दिखना शुरू हो जाता है. असर दिखा भी पर AEFI का वो फीसद भारत में टीके के बाद 0.007 % है. लिहाज़ा अब डरने की बात नहीं है.
कोविशिल्ड के क्या-क्या हो सकते हैं साइड इफेक्ट?
कोविशील्ड को लेकर जिस तरह के दावे किए जा रहे हैं उसकी जानकारी पहले से थी हालांकि इसके लाभ की तुलना में नुकसान का प्रतिशत बेहद कम था जिसे नगण्य ही माना जा सकता है. सीरम इंस्टीट्यूट के मुताबिक टीका लगवाने के बाद आपको बेहोशी या चक्कर आने की समस्या हो सकती है. इसके अलावा दिल की धड़कन में बदलाव, सांस फूलने या सांस लेने के दौरान सीटी जैसी आवाज आने की समस्या हो सकती है. होठ, चेहरे या गले में सूजन की समस्या भी सामने आ सकती है. कंपनी का कहना है कि टीकाकरण के बाद एक ही समय पर एक से ज्यादा साइड इफेक्ट नजर आ सकते हैं. इनमें मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, कंपकंपी आना. कंपनी ने सलाह दी है कि इस स्थिति में अपने डॉक्टर से सलाह लें.कंपनी का कहना है कि ये समस्याएं 10 में से एक व्यक्ति को हो सकती हैं.