पंचमढ़ी। जिला कलेक्टर सोनिया मीणा के आदेश उपरान्त नागद्वार मेला क्षेत्र का सर्व विभागीय कंबाइन निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के लिए सभी विभाग के अधिकारी सूर्योदय के बाद ही नागद्वारी क्षेत्र के लिए रवाना हो गए थे। सभी विभागों में पीडब्लूड़ी, पीएचई, एमपीईबी, साडा, कैंट, होमगार्ड, पुलिस, के अधिकारी उपस्थित रहे। इस वर्ष नाग पंचमी 9 अगस्त को है जिसको देखते हुए 1 अगस्त से 10 अगस्त तक मेला अवधि निर्धारित की गई है। नागद्वार यात्रा निरीक्षण मेंएसडीएम पिपरिया संतोष तिवारी,तहसीलदार पिपरिया वैभव बैरागी,एसडीओपी मोहित कुमार, वन विभाग एडिशनल डायरेक्टर संजीव शर्मा, पीडब्लूड़ी से कैलाश गुर्दे, एवं साडा, एमपीईबी, पिएचइ के अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर द्वारा निरीक्षण के लिए दिए गए थे निर्देश : नर्मदा पुरम जिला कलेक्टर द्वारा सभा कक्ष में हुई मीटिंग में नागद्वारी मेले को लेकर सभी विभागों को निरीक्षण करने हेतु आदेश दिया गया था। 14 जून को विशेष रूप से जलगली से कलाझाड़ जोड़ नाला हनुमानगिरी चित्र शाला चिंतामणि गुफा स्वर्ग द्वार पश्चिम द्वार नागद्वारी एवं कजरी ग्राम का भ्रमण कर निरीक्षण करने को कहा गया था।
मंडल द्वारा कादरी में स्पेशल मेडिकल कैंप की होगी व्यवस्था - एसडीएम पिपरिया संतोष तिवारी द्वारा बताया गया है कि मंडल ने इस बार काजरी में विशेष मेडिकल कैंप लगाने की अनुमति मांगी है। मेडिकल कैंप में मंडल द्वारा एमबीबीएस एवं एमडी डॉक्टर जो की नागपुर के होंगे उन्हें रखा जाएगा। यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह मेडिकल कैंप आयोजित किया जाएगा। मेडिकल कैंप संपूर्ण मेला अवधि के लिए रहेगा।
मोहित कुमार एसडीओपी पिपरिया - आज नागद्वार क्षेत्र का निरीक्षण सर्व विभागीय अमले द्वारा किया गया है। निरीक्षण के लिए हम सुबह 5:30 निकल गए थे करीबन 12 घंटे की इस यात्रा मैं हमने बारीकी से संपूर्ण मार्ग का एवं संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण किया। पुलिस बल द्वारा जो चेक पॉइंट्स लगाए जाते हैं उनको चयनित किया गया है एवं जरूरत पड़ने पर पूर्व से ज्यादा चेक पॉइंट् सलगाए जाएंगे।पुलिस बल द्वारा मेले के दौरान मटकुली से पचमढ़ी एवं कजरी तथा नागद्वार यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
मौसम विभाग द्वारा अच्छी बारिश के हैं संकेत - भौगोलिक दृष्टि से देखें तो नागद्वार मंदिर चारों ओर पर्वतों से घिरा हुआ है जिसके कारण मंदिर क्षेत्र में ऑक्सीजन कम होती है और ह्यूमिडिटी काफी ज्यादा होती है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए डाटा को देखें तो अगस्त महीने में अच्छी बारिश के संकेत है। नागदा और मेले में कहा जाता है कि जितनी अच्छी बारिश उतना अच्छा मेला। ज्यादा बारिश होने से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को काफी आसानी होती है एवं गर्मी का एहसास नहीं होता।