China: चीन का जासूसी जहाज Yuan Wang 6 अब भारतीय समुद्री सीमा में नहीं घुस पायेगा. भारतीय एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन EEZ 200 नॉटिकल माइल (समुद्री मील) तक है, जहां पर वार्शिप सहित विदेशी जहाजों को EEZ में सेलिंग की स्वतंत्रता है लेकिन भारतीय कानून के तहत इस जोन में किसी भी देश का बिना परमिशन सर्वें और रिसर्च बैन है।
यह भी पढ़ें: खनन लीज आवंटन केस में JHARKHAND CM HEMANT SOREN को मिली राहत, SUPREME COURT ने जनहित याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताया
वांग 6 सर्वे और रिसर्च का शिप ; चीन
चीन ने अपने एक जासूसी जहाज युआन वांग 6 को भारत के मिसाइल टेस्ट की जासूसी के लिए हिन्द महासागर में तैनात किया है. हांलांकि हमेशा की तरह अपना सच छिपाते हुए चाइना ने अपनी इस शिप का ऑफिशियल रजिस्ट्रेशन एक रिसर्च और सर्वे शिप के तौर पर किया है.
यह भी पढ़ें: सहारनपुर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को तोहफा देने के लिए रची बच्चा चोरी करने की साजिस
भारतीय नौसेना के मानव रहित विमान रख रहे हैं नज़र:
भारतीय नौसेना का कहना है कि वह वांग 6 की सभी गतिविधियों पर नज़र रख रहे है. नौसेना के लॉन्ग रेंज मरीटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट और मानव रहित एयर व्हीकल वांग-6 को ट्रैक कर रहे हैं. नौसेना यह भी पता लगा सकती है कि वांग 6 क्या ट्रैक कर रहा है. हालांकि एक्शन तभी लिया जायेगा जब युआन वांग 6 EEZ में घुसने की कोशिश करे.
यह भी पढ़ें: परिवार वालों को मारने से पहले GOOGLE पर सर्च किया स्वर्ग जाऊंगा या नर्क, फिर मां-बाप और दो बेटों का कत्ल कर किया खुदकुशी
श्रीलंका-बांग्लादेश के पोर्ट पर रुका तो भारत को है खतरा:
भारत अपनी समुद्री सीमा बांग्लादेश और श्रीलंका से शेयर करता है ऐसे में भारतीय नौसेना ने यह भी संभावना जताई है कि अगर चीन का यह जासूसी जहाज बांग्लादेश और श्रीलंका में रुकता है तो भरत के लिए रिस्क है. यानि कि बांग्लादेश युआन वांग 6 को अपने चटगांव और श्रीलंका, हंबनटोटा पोर्ट पर आने की अनुमति देता है, तो वांग 6 भारतीय समुद्र तट के बेहद करीब होगा, जहां से वह सब कुछ आसानी से ट्रैक कर पाएगा।