इंदौर : मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में चाइनीज मांझा मौत का मांझा बन गया है। जिसकी चपेट में आने की वजह से इंदौर में 20 साल के युवक की मौत हो गई। युवक अपने दोस्त के साथ गैस की टंकी लेने जा रहा था। इस दौरान चाइना डोर की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। यह पूरी घटना द्वारकापुरी थाना क्षेत्र की। फ़िलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौप दिया है । साथ ही मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
गैस की टंकी लेने जा रहा था युवक
पुलिस ने मृतक की पहचान हिमांशु पिता संजय सोलंकी के रूप में की है। जो की मनावर का रहने वाला था। जो बीते दिन अपने दोस्त के साथ गैस की टंकी लेने जा रहा था। इस दौरान चाइना डोर की चपेट में आने से उसका गला कट गया और मौके पर उसकी मौत हो गई। हिमांशु महू के भैरुलाल पाटीदार कालेज में द्वितीय वर्षा का छात्र था। इधर, बच्चे की मौत से परिवार में मातम पसरा हुआ है। बता दें कि चाइनीज मांझा से मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। मांझे की वजह से अभी तक कई लोगों की मौत हो चुकी है।
कैसे तैयार होता है ये मांझा?
चाइनीज मांझे को कुछ लोग प्लास्टिक का मांझा भी कहते हैं. चाइनीज मांझा दूसरे मांझों की तरह धागों से तैयार नहीं किया जाता. इसे नायलॉन और मैटेलिक पाउडर से बनाया जाता है. इसमें एल्युमिनियम ऑक्साइड और लेड मिलाया जाता है. इसके बाद इस मांझे पर कांच या लोहे के चूरे से धार भी लगाई जाती है, जिस वजह से ये मांझा और भी घातक हो जाता है. ये मांझा प्लास्टिक की तरह लगता है और स्ट्रेचेबल होता है. जब हम इस मांझे को खींचते हैं, तो ये टूटने की बजाय और बड़ा हो जाता है. जब इस मांझे से पतंग उड़ाई जाती है, तो इसमें कुछ अलग कंपन पैदा होता है.
भारत में चाइनीज मांझे पर क्या है बैन?
चाइनीज मांझा पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है. इसे खरीदने और बेचने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 188 के तहत 6 महीने तक की सजा या जुर्माना हो सकता है. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत 50,000 रुपये तक का जुर्माना और 5 साल की सजा का प्रावधान है. जिला प्रशासन और पुलिस चीनी मांझा बेचने वालों पर छापेमारी करती है. पकड़े जाने पर तुरंत गिरफ्तार भी किया जा सकता है. इसके बाद भी चाइनीज मांझे का इस्तेमाल जारी है.