RAIGARH: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के सरिया पुलिस थाना अंतर्गत एक मकान में पाकिस्तानी का झंडा फहर रहा थे जिसे देख पुलिस को सुचना देने के बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए झंडा को निकलवाते हुए वैधानिक कानूनी प्रक्रिया को पूरा की। इस मामले पर छानबीन की जा रही है. बताया जा रहा जिसके घर झंडा फहराया गया वह अटल चौक स्थित फल विक्रेता कामुस्ताक अहमद के घर का छत था लोगों ने यह देखते ही तुरंत पुलिस को सुचना दिया POLICE ने झंडा जब्त कर वैधानिक कार्रवाई की है।
यह भी पढ़ें: अपने पहले भाषण में खड़गे ने पार्टी में 50 साल से कम उम्र के लोगों को पद देने का किया ऐलान
थाना सरिया,जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ निवासी आवेदक अरूण कुमार शराप ने थाना सरिया में लिखित आवेदन दिया कि सरिया निवासी एक विशेष समुदाय के व्यक्ति के घर के छत में पाकिस्तानी झंडा लगा हुआ था । ततपश्चात उक्त आवेदन के बाद भादवि कि धारा 153 (क) के तहत कार्रवाई की।सरिया पुलिस अब झंडा कहां से आया और कैसे लगाया गया जानकारियां भी सामने आ रही है कि उक्त झंडे को किसी बच्चे ने लगाया है, इस तरह अब पुलिस सभी पहलुओं पर गहन छनबीन कर रही है।
यह भी पढ़ें: सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं सुझाव, करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर छापी जाए: अरविन्द केजरीवाल
इस मामले पर भाजपा नेता व आमजनता देर रात तक आंदोलन कर दिए जिससे हंगामा मच गया। भाजपा नेताओं ने देश विरोधी गतिविधियों से लेकर देश तोड़ने का आरोप लगाते हुए, थाने के बाहर धरना प्रदर्शन करने लगे। गंभीर मुद्दा बताते हुए रायगढ़ में भी डोर -टू - डोर घरों की गहन जांच की मांग की है। कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस प्रशासन भी मुस्तेद हो गई।
आरोपी के खिलाफ राजद्रोह की धारा 124 ए की मांग:
पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष रायगढ़ व प्रदेश कार्य समिति सदस्य विकास केडिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस मामले में स्थानीय पुलिस द्वारा बढ़ते जनाक्रोश को शांत कराने के उद्देश्य से आरोपी के खिलाफ फौरी तौर पर 153ए के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए उसे गिरफ्तार जरूर किया गया है लेकिन ऐसे मामले में जहां किसी व्यक्ति ने देश की अखंडता और संप्रुभता को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए हमारे पड़ोसी मुल्क PAKISTAN FLAG फहराया हो, जो कि हमारे देश में आतंकवादी घटनाओं के लिए प्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार हैं तब ऐसे आरोपी के खिलाफ पुलिस को राजद्रोह की धारा 124 ए के तहत अपराध पंजीबद्ध करना चाहिए , जैसा कि सन 2021 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की घटना के दौरान स्थानीय पुलिस द्वारा चारो आरोपियों के खिलाफ किया गया था ।