CHAITRA NAVRATRI 2023: आज नवरात्रि का पांचवा दिन है और आज स्कंदमाता की पूजा की जाती है मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से मंदबुद्धि भी ज्ञानी हो जाता है इस कन्याकुमारी यानी स्वामी कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता का जाता है स्कंदमाता की गोद में उनके पुत्र स्कंध शोभायमान हैं स्कंदमाता को मां दुर्गा का ममतामई रूप माना गया है ऐसा माना जाता है कि नवरात्र में मां इसका रूप की पूजा करने से मां संतान सुख का आशीर्वाद देते हैं
ऐसा होता है स्कंदमाता का स्वरूप:
CHAITRA NAVRATRI 2023: स्कंदमाता की विद्या में भगवान स्कंद बाल रूप में की गोद में विराजित है देवी की चार भुजाएं हैं यह दाई तरफ की ऊपर वाली भुजा से इस तंत्र को गोद में लिए हुए हैं और नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प सुशोभित है भाई तेरे ऊपर वाली भुजा में वर मुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है. माता का वर्ण एकदम श्वेत है और यह स्वयं कमल के आसन पर विराजमान हैं इसलिए इन्हें पद्मासन भी कहा जाता है सिंह इनका का वाहन है
माता को भोग और भेंट:
CHAITRA NAVRATRI 2023: स्कंद माता को भोग स्वरूप अकेला अर्पित करना चाहिए मां को पीली वस्तु बेजती होती हैं इसलिए केसर डालकर खीर बनाएं और उसका भी भूख लगा सकते हैं नवरात्र के पांचवे दिन लाल वस्त्र में सुहाग की सभी सामग्री लाल फुल और अक्षत के समेत मां को अर्पित करने से महिलाओं को सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है इसके साथ ही 5 कन्याओं और 5 बालकों को भेंट स्वरूप खीर और मिठाई देने से मां भगवती प्रसन्न होती हैं देवी की कृपा से आपकी खाली थोड़ी भर्ती हैं और सभी मुरादें पूर्ण होती हैं.
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