भोपाल। प्रदेश के 62 में से 56 जिलों में भाजपा जिलाध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, लेकिन 6 जिलों में नेताओं के बीच अब भी सहमति न बन पाने की खबर है। इसकी वजह से घोषणा रुकी है। हालांिक अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कोई अड़चन नहीं है। इसके लिए जरूरी जिलों से ज्यादा में चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिन 6 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा रुकी है, उनमें टीकमगढ़, निवाड़ी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, इंदौर शहर और ग्रामीण शामिल हैं। टीकमगढ़ और निवाड़ी में क्षेत्रीय सांसद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के कारण घोषणा रुकी है, जबकि छिंदवाड़ा में सांसद विवेक बंटी साहू की वजह से। नरसिंहपुर और इंदौर में भी नेताओं के बीच मतभेद हैं। भाजपा नेतृत्व इन जिलों का विवाद सुलझा कर सहमति बनाने की कोशिश में है।
टीकमगढ़, निवाड़ी में अपनी पसंद चाहते हैं खटीक
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक क्षेत्रीय सांसद होने के नाते टीकमगढ़ और निवाड़ी में अपनी पसंद के जिलाध्यक्ष चाहते हैं। खटीक टीकमगढ़ में जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष विवेक चतुर्वेदी को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। संगठन की ओर से टीकमगढ़ में अश्विनी चढ़ार या सरोज राजपूत में से किसी एक को अध्यक्ष बनाने की कोशिश की जा रही है। निवाड़ी में पूर्व मंत्री सुनील नायक के चचेरे भाई गणेशी लाल नायक का नाम लगभग तय हो चुका है। खटीक की जिद पर यदि टीकमगढ़ में ब्राह्मण वर्ग के विवेक चतुर्वेदी अध्यक्ष बने तो निवाड़ी में गणेशी लाल नायक की जगह जिला महामंत्री रोहिन राय या आकाश अग्रवाल को मौका मिल सकता है।
छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर में फंसा पेंच
छिंदवाड़ा में विवेक बंटी साहू के सांसद बनने के बाद शेषराव यादव कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बनाए गए थे। इस बार उनके रिपीट होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। जिन जिलों में मौजूदा अध्यक्ष रिपीट हुए हैं, उनके साथ छिंदवाड़ा की भी घोषणा होना थी, लेकिन सांसद साहू के कारण पेंच फंस गया। वे जिले में नया अध्यक्ष चाहते हैं। नरसिंहपुर में पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह अपने-अपने करीबियों को जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए ताकत लगा रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार नरसिंहपुर में किसी महिला नेता को मौका दिया जा सकता है। यहां शिरोमणि चौधरी और बीना ओसवाल के नाम चल रहे हैं।
इंदौर में कैलाश, सिलावट में सहमति नहीं
इंदौर ग्रामीण में वर्तमान जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा के रिपीट होने की संभावना है। हालांकि, टीनू जैन भी रेस में बराबरी से दौड़ रहे हैं। यहां जिलाध्यक्ष के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, विधायक मनोज पटेल से लेकर ऊषा ठाकुर तक अपने-अपने करीबियों के नाम बढ़ा चुके हैं। ग्रामीण के लिए सहमति न बन पाने के चलते अब तक शहर जिलाध्यक्ष भी घोषित नहीं हो पाया है। सूत्रों का कहना है कि इंदौर ग्रामीण में कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट की राय अलग-अलग है। सिलावट का हस्तक्षेप इंदौर शहर में नहीं है, लेकिन ग्रामीण में वे अपनी पसंद चाहते हैं। उनके साथ कुछ और नेता, विधायक भी शामिल हो गए हैं।