बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को आखिरकार जमानत दे दी है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद श्री सिंह को हाईकोर्ट ने पचास हज़ार के बाण्ड पर सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने कहा है कि जीपी सिंह राज्य के बाहर रहेंगे और सेशन कोर्ट या हाईकोर्ट में बुलाए जाने पर पेशी पर आना होगा।
उल्लेखनीय है कि EOW की टीम ने जीपी सिंह को 11 जनवरी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके साथ ही मामले की केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। पिछले साल 1 जुलाई को एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीमों ने आईपीएस जीपी सिंह के रायपुर-राजनांदगांव के अलावा ओडिशा स्थित ठिकानों पर छापा मारकर करीबन 5 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया था।
दस्तावेजों की जांच के बाद कई और संपत्तियों का पता चलने की बात कही जा रही है। मामले में जीपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के चंद रोज बाद 5 जुलाई को सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
नोएडा से किया गया था गिरफ्तार IAS जीपी सिंह को EOW की टीम ने 11 जनवरी को दिल्ली के समीप नोएडा से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया था। 18 जनवरी को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। इसके बाद से श्री सिंह जेल में हैं। निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई गई थी।
इस दौरान जमानत देने के लिए उन्होंने अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसके साथ ही जस्टिस दीपक तिवारी ने जमानत पर नंबर आने पर ही सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। तब से उनकी जमानत पर सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित थी और आखिरकार आज उन्हें जमानत मिल पाई है।
जल्द सुनवाई का आदेश निलंबित आईएएस जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय के मुताबिक चार मई को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में ही सुनवाई करने का आदेश दिया था। इस दौरान 9 मई को केस हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में लगा था। उन्होंने इस मामले को एप्रोपिएट बेंच में रखने के निर्देश दिए थे। 10 मई को जस्टिस दीपक तिवारी की बेंच में उनकी बेल पर नंबर नहीं आ पाया, और आखिरकार आज सुनवाई हुई। जीपी सिंह के वकीलों का तर्क जमानत याचिका में जीपी सिंह के वकील ने तर्क दिया था कि EOW की जांच पूरी हो गई है। जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया गया है। मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है। इन परिस्थितियों में जमानत उनका अधिकार है। याचिका में कहा गया था कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही EOW की सभी नोटिस का जवाब दे चुके थे। EOW ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका
नोएडा से किया गया था गिरफ्तार
IAS जीपी सिंह को EOW की टीम ने 11 जनवरी को दिल्ली के समीप नोएडा से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया था। 18 जनवरी को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। इसके बाद से श्री सिंह जेल में हैं। निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई गई थी। इस दौरान जमानत देने के लिए उन्होंने अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसके साथ ही जस्टिस दीपक तिवारी ने जमानत पर नंबर आने पर ही सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। तब से उनकी जमानत पर सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित थी और आखिरकार आज उन्हें जमानत मिल पाई है।
जल्द सुनवाई का आदेश
निलंबित आईएएस जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय के मुताबिक चार मई को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में ही सुनवाई करने का आदेश दिया था। इस दौरान 9 मई को केस हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में लगा था। उन्होंने इस मामले को एप्रोपिएट बेंच में रखने के निर्देश दिए थे। 10 मई को जस्टिस दीपक तिवारी की बेंच में उनकी बेल पर नंबर नहीं आ पाया, और आखिरकार आज सुनवाई हुई।
जीपी सिंह के वकीलों का तर्क
जमानत याचिका में जीपी सिंह के वकील ने तर्क दिया था कि EOW की जांच पूरी हो गई है।जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया गया है। मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है। इन परिस्थितियों में जमानत उनका अधिकार है। याचिका में कहा गया था कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही EOW की सभी नोटिस का जवाब दे चुके थे। EOW ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका