भोपाल। राजधानी के मुख्य रेलवे स्टेशन पर अमानक खाद्य सामाग्री बेची जा रही है। पैक बंद पुड़ी के पैकेड पर न तो स्टॉल संचालक या बिक्रेता कंपनी का नाम है और न ही एक्सपायरी डेट लिखी जा रही है। बिना नियम कानून के बेची जा रही खाद्य सामाग्री जानलेवा साबित हो सकती हैं तो वहीं 40 रुपए में बेची जाने वाले इन पैकेटों पर दाम भी नहीं लिखे होने से किसी यात्री को 40 में तो किसी को 50 रुपए तक में बेचे जा रहे हैं।
इसको लेकर स्टेशन प्रबंधक से लेकर भोपाल रेल मंडल के अला-अधिकारी द्वारा नियमित रूप से जांच व कार्रवाई नहीं किए जाने से यह सामग्री धड़ल्ले से बिक रही है। ऐसे में यात्री सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। भोपाल रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई जांच में पाया गया कि कई स्टालों पर बिना किसी डेट के पैक किए हुए खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं।
पहले बताया 50, फिर 40 रुपए
हरिभूमि टीम ने भोपाल स्टेशन के कुछ स्टॉलों का जायजा लिया। इस दौरान प्लेटफार्म नंबर एक व दो व तीन पर देखा गया कि स्टाल संचालक पूरी और सब्जी के पैकेट बनाकर बेच रहे हैं, इन पैकिंग खाद्य सामग्रियों पर न तो पैकिंग डेट है और न ही इन पर एक्सपायरी अंकित है। एक नंबर प्लेटफार्म के एक्सप्रेस फूड स्टॉल के संचालक मुंह में गुटखा दबाकर चला रहा था। डेढ मिनट तक सिर्फ इशारो इशारों में बात करता रहा। इसके बाद पहले पुड़ी के पैकेड के 50 रुपए बताए, फिर बाद 40 रुपए। इस दौरान जब संचालक से पैकिंग डेट, एक्सपायरी व दाम अंकित नहीं होने का पूछा तो बाद में कुछ पैकेटों पर मार्कर से डेट लिख दी। इसी तरह दो व तीन नंबर स्थित ताज स्टॉल पर भी यहीं स्थिति देखने को मिली।
लगातार कार्रवाई जारी...
रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। हम अवैध विक्रेताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। अगर खाद्य पैकेटों पर डेट व दाम नहीं डाले जा रहे हैं तो यह गलत है। इसको लेकर एसएस कमर्शियल अधिक जानकारी दे सकते हैं। आरके मिश्रा, भोपाल स्टेशन मास्टर
पांच माह पहले किया था निरीक्षण
पांच माह पहले रेल यात्रियों की शिकायतों के बाद भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों ने अगस्त माह में भोपाल स्टेशन का अगस्त माह में निरीक्षण किया था। इस दौरान कुछ स्टॉलों पर अमानक व नियम विरोध खाद्य सामग्रीय बेचे जाने जुर्माने की कार्रवाई की थी। लेकिन इसके बाद जमीनी स्तर पर स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। इससे यात्रियों को स्टेशन पर खाने-पीने की सामग्री को लेकर समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
हो जाते हैं बीमार
स्टेशन पर अवैध वैंडर्स द्वारा बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता अक्सर संदिग्ध होती है। कई बार यात्री इनका सेवन करने के बाद बीमार हो जाते हैं। पहले इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
नियम विरुद्ध है...
रेलवे जानकारों का कहना है कि यह नियम विरुद्ध है। खाद्य पैकेटों पर तारीख, डेट, वजन व एक्सपायरी डेट लिखा जाना चाहिए। इस तरह की खाद्य सामग्रीय यात्रियों की सेहत पर गंभीर खतरा हो सकता है। इसके अलावा, अवैध विक्रेता प्लेटफार्मों पर खुलेआम घूमकर यात्रियों को खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं। इसके साथ ही वे पटरी पार कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आसानी से पहुंच जाते हैं।
यात्रियों को स्वयं सतर्क रहने की जरूरत
रेलवे स्टेशनों पर केवल अधिकृत स्टालों से ही खाद्य पदार्थ खरीदें। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और पैकेजिंग की जांच करने के बाद ही उन्हें खरीदें। यदि कोई भी अवैध गतिविधि देखते हैं तो तुरंत रेलवे पुलिस को सूचित करें।