भोपाल। सात महीने पहले बढ़ाए गए प्रॉपर्टी के दाम के बाद 243 जगहों पर नई बढ़ोतरी फिलहाल टाल दी गई है, लेकिन पंजीयन विभाग का प्रॉपर्टी के रेट बढ़ाने का आधार समझ से परे है। इस बार आर्टिफिशल इंटेलीजेंस की मदद से विभाग ने 1253 लोकेशन पर अधिक दाम में रजिस्ट्री कराने का डेटा उठाया था। जिसमें 1049 शहरी और 204 लोकेशन ग्रामीण की शामिल की गई हैं। पंजीयन विभाग के अफसरों का तर्क है कि इन जगहों पर प्रॉपर्टी के सौदे अधिक दामों में हो रहे हैं, ऐसे में यहां बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
एक साल में दूसरी बार जमीनों के रेट बढ़ाने के लिए निकाले गए डेटा से पता चलता है कि शहर की 3 हजार 883 लोकेशन में से 2173 लोकेशन पर ही रजिस्ट्री हुई हैं। यह आंकड़ा एक अप्रैल से 30 सितंबर तक का लिया गया है। अन्य लोकेशन पर ही प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ही नहीं हुई। विभाग ने इस बार भी हायर रेट में होने वाली रजिस्ट्री को आधार बनाकर ही 243 लोकेशन पर बढ़ोतरी प्रस्तावित की है।
विधायक ने पहले दिन जताई थी आपत्ति
कलेक्टर गाइडलाइन का प्रस्ताव जब जिला मूल्यांकन समिति में रखा गया था, तब विधायक एवं समिति के सदस्य भगवानदास सबनानी ने साल में दूसरी पर वृद्धि पर विरोध जताया था। इस पर अधिकारियों ने 13 स्थान कम कर दिए थे। इसके साथ सभी जगहों पर पांच फीसदी कमी करने की बात भी कही गई थी। इधर, क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक का कहना है कि जिले में जमीनों की कीमतों में बढ़ोतरी करने से रियल एस्टेट कारोबार, आम जनता और हाउसिंग फार आल मिशन के टॉरगेट पर गलत प्रभाव पड़ेगा।
केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने वापस भेजा प्रस्ताव
सांसद, विधायक और क्रेडाई सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की आपत्ति के बाद कलेक्टर गाइडलाइन के प्रस्ताव को केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने वापस जिला मूल्यांकन समिति को भेज दिया है। अब इस पर जल्द ही शहर के सभी विधायकों, महापौर, सांसद के साथ चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया जाएगा।
प्रस्ताव का अध्ययन कर करेंगे सुधार
शहर में विभिन्न स्थानों पर जमीनों की कीमतों में वृद्धि का प्रस्ताव को केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजा गया था। बोर्ड द्वारा प्रस्ताव जिन बिंदुओं के साथ वापस किया गया है। उन पर जल्द ही चर्चा कर सुधार किया जाएगा।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर