भोपाल। नगर निगम अवैध मैरिज गार्डन व हॉल के संचालकों से आवेदन मंगा रहा है, जिससे उन्हें नियमितिकरण कर पंजीयन किया जा सके। इसमें सबसे बड़ी शर्त यही है कि शासकीय या अन्य किसी भूमि पर कब्जा न हो। साथ ही भूमि का आवंटन मैरिज गार्डन या हॉल के लिए ही करवाया गया हो। साथ ही गार्डन में दो दरवाजे व पार्किंग की उचित व्यवस्था और स्थान के अनुसार फायर सिस्टम लगे हों। इसके अलावा कई और सामान्य शर्त हैं। निगम अधिकारियों के अनुसार इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं हुई तो उनके खिलाफ तालाबंदी की कार्रवाई की जाएगी। वहीं मैरिज गार्डन व हॉल के संचालकों के अनुसार कई नियम ऐसे हैं, जिन्हें कोई भी पूरा नहीं कर सकता है। निगम शर्त-नियम को इस प्रकार से बनाया जाए कि सभी लोग आसानी से पंजीयन करा सकें।
चीफ सिटी प्लानर अनूप गोयल के अनुसार, अभी जो आवेदन नियमितिकरण या नए पंजीयन के लिए आ रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है। फील्ड में अभी टीम को नहीं भेजा जा रहा है। बिना पंजीयन या अवैध मैरिज गार्डन या हॉल के संचालक को दो बार नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, संचालकों के अनुसार, यदि बैंक्वेट हॉल निगम से कमर्शियल लाइसेंस लेकर संचालित हो रहे हैं, तो एक ही काम के लिए दो तरह के लाइसेंस लेना कहां तक ठीक है। ऐसे संचालकों को मौका दिया जाना चाहिए, ताकि वे अपने कमर्शियल लाइसेंस को मैरिज गार्डन लाइसेंस में कन्वर्ट करवा लें। इसके लिए उन्हें पहले लिखित सूचना भी दी जानी चाहिए।
छोटे मैरिज गार्डन या हॉल वालों को नहीं मिल पाती है एनओसी
लाइसेंस के लिए छोटे मैरिज गार्डन या हॉल वालों को इसलिए परेशानी हो रही है कि निगम ने अब बिजली कंपनी और फायर की एनओसी लेना जरूरी कर दिया है। यह एनओसी छोटे मैरिज गार्डन या हॉल वालों को नहीं मिल पाती, जबकि नगर निगम को इन्हें कुछ राहत देनी चाहिए।
हरीश पस्तारिया
अध्यक्ष, मैरिज गार्डन एसोसिएशन
सभी शर्तों को पूरा करना आसान नहीं
मैरिज गार्डन या हॉल वालों को लेकर नगर निगम ने इतनी शर्तें लगा दी हैं कि सभी को पूरा करना आसान नहीं है। फिर प्रयास कर रहे हैं कि किसी प्रकार लाइसेंस की सभी शर्तों को पूरा कर लिया जाए। यही कारण है कि निगम अधिकारी भी मैरिज गार्डन या हॉल वालों को दो तीन बार नोटिस देकर समय दे रहे हैं।
मयूर साहू, संचालक, मैरिज गार्डन, अवधपुरी