भोपाल : मध्यप्रदेश में शिक्षा माफिया की वजह से छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। पहले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के झांसे में आकर छात्रों ने लाखों रुपये फीस में गंवाए। तो वही अब फिटजी स्कैम सामने आने के बाद शहर में हड़कप मच गया। भोपाल के FIITJEE सेंटर में छात्रों के साथ 12 से 15 करोड़ रूपए की धोखाधड़ी होने के बाद अब संस्थान को बंद कर दिया गया है। जिसके चलते विद्यार्थी और अभिभावकों की एक बार फिर परेशानी बढ़ गई है। इतना ही नहीं कोचिंग सेंटर के एक अधिकारी का लेटर भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिसमे फीस वापस नहीं करने की बात कही गई है।
कलेक्टर से शिकायत के बाद भी नहीं मिली राहत
फिटजी कोचिंग सेंटर के एक अधिकारी द्वारा जारी लेटर में लिखा गया है कि भोपाल के FIITJEE सेंटर को बंद कर दिया गया है। साथ ही विद्यार्थी और उनके अभिभावकों को फीस रिफंड के लिए दिल्ली संपर्क करना पड़ेगा। जारी लेटर में यह लिखा गया है कि फीस रिफंड करना उनके हाथ में नहीं है। यह पत्र एक सादे कागज पर लिखा है, जिसमें इसके पीछे का कारण लेटर हेड न होना बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सिर्फ भोपाल सेंटर में ही अभिभावकों के कराड़ों रुपए अटके हुए हैं। इस मामले में पेरेंट्स पुलिस से लेकर कलेक्टर तक शिकायत कर चुके हैं। लेकिन फिर भी उन्हें समस्या का समाधान नहीं मिला। जो की कुल मिलाकर 12 से 15 करोड़ रुपए है।
इससे पहले भी FiitJee कर चुका है धोखाधड़ी
बता दें कि FiitJee इंदौर में भी धोखाधड़ी हो चुकी है। उस वक्त भी संचालक ने बच्चों से लाखों रूपए की फ़ीस वसूल कर ताला डाला दिया था तब इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सख्ती कर स्टूडेंट्स की फ़ीस वापस दिलवाई। अब देखना यह है कि भोपाल प्रशासन इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करता है। हालांकि मामले को संज्ञान में लेते हुए भोपाल कलेक्टर ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन देते हुए बच्चों की फ़ीस वापस करने का वादा किया है।
9 दिसंबर से सेंटर है बंद
बता दें कि FIITJEE कोचिंग भोपाल के ZONE-2 में स्थित है। जहां 9 दिसंबर से सभी कक्षाओं का संचालन बंद है और कोचिंग संस्था में ताले लटके हुए है। इतना ही नहीं कोचिंग के शिक्षकों ने भी वेतन नहीं मिलने के चलते काम छोड़ दिया है। बता दें कि हर साल कई स्टूडेंट कांपटीशन एग्जाम की तैयारी करने के लिए संस्थान में एडमिशन लेते है। इसी कड़ी में इस साल 150 से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया। जिनके अभिभावकों से 2 से 4 साल की औसत में 3 से 5 लाख रूपए एडवांस फीस लेकर ठगी की गई।