भोपाल। कोलार इलाके में बनाए गए आश्रय केंद्र में जब हमारी टीम पहुंची तब नए पलंग, बिस्तर और मुफ्त भोजन देखकर भिक्षुओं की जगह आश्रय स्थल में मजदूर मिले, क्योंकि तब तक भिक्षुओं को पकड़ने के लिए अभी टीम का गठन नहीं हुआ था। साथ ही अपर आयुक्त सहित अन्य अधिकारी भी जब वहां पहुंचे तो वहां पलंग और बिस्तर बिछे हुए थे, जबकि रंगाई पुताई और साफ-सफाई देखकर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। पहुंच मार्ग पर उस दौरान डामरीकरण किया जा रहा था। साथ पानी की व्यवस्था की जा रही थी।
आश्रय स्थल पर बुधवार को पहुंचे अपर आयुक्त रणवीर सिंह ने हरिभूमि से चर्चा करते हुए बताया कि यह शहर का पहला आश्रय स्थल तैयार हुआ है। इसकी तर्ज पर ही दूसरे स्थानों पर तैयार होना है, जिनके लिए स्थान चिन्हित कर दिए गए हैं। साथ ही उन स्थानों का भी चयन कर लिया है, जहां भिक्षुओं की संख्या सबसे ज्यादा रहती है। पिछले दो दिन में कलेक्टर के आदेश के बाद चौराहों पर भिक्षु नहीं दिख रहे हैं।
आश्रय स्थल को किया 2 बीएचके रूप में तैयार
कोलार के स्वास्थ्य सामुदायिक भवन के बगल में दीनदयाल रसोई के पीछे नगर निगम ने भिक्षुओं के लिए बनाए आश्रय स्थल को 2 बीएचके रूप में तैयार किया है। इसमें अत्याधुनिक शौचालय बनाया गया है, लेकिन इसको मेनटेन रखना सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। वहीं, पहुंच मार्ग पर बुधवार को डामरीकरण और अन्य काम किए जा रहे थे। इसका मुआयना नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारी कर दूसरे स्थानों पर भी बनाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
यहां बनना था रैन बसेरा
नगर निगम ने जिस भवन में आश्रय स्थल बनाया है, वो एक साल से खाली था। यहां रैन बसेरा बनना था, लेकिन किसी कारण भवन बनने के बाद से खाली था। पहले इसको सामुदायिक भवन के रूप में उपयोग करने की तैयारी थी, लेकिन दीनदयाल रसोई के बगल में होने से रैन बसेरा बनाने की चर्चा हुई। किन्हीं कारणों से रैन बसेरा भी नहीं बन पाया।
टीम का गठन होना है
अपर आयुक्त रणवीर सिंह के अनुसार भिक्षुओं को पकड़ने के लिए टीम गठन होना है। इसलिए भिक्षुओं को अभी यहां नहीं लाया गया है। नगर निगम ने उन स्थानों को चिन्हित कर लिया है, जहां भिक्षुओं की संख्या सबसे ज्यादा होने की उम्मीद रहती है। पिछले दो दिन में समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बाद से चौराहे पर भिक्षु नहीं दिख रहे हैं। टीम का गठन होने के बाद चिन्हित किए गए स्थानों की सूची उसे दे दी जाएगी।