Basant Panchami : बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, विद्या संगीत और की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है। कहा जाता है की माँ सरसवती की पूजा अर्चना से व्यक्ति को विद्या की प्राप्ति होती है। विद्या हर व्यक्ति के लिए महत्व रखती है। इसलिए वसंत पंचमी के दिन स्कूल में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है।
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आइये जानते है वसंत पंचमी का अर्थ
माघ महीने की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। बसंत की शुरुवात इस दिन से होती है। इसको बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा आराधना के रूप में मनाया जाता है। मौसमी फलों और फूलों, चन्दन से माँ सरस्वती की पूजा की जाती है। कहा जाता है की भगवान ब्रम्हा की पत्नी सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी पर हुआ था माघ के चन्द्र महीने का पांचवां दिन और यही कारन है की पीला दिन का रंग है। क्योकि यह प्रतिनिधित्व करता है की वसंत या वसंत और सरस्वती की पूजा मुख्या रूप से गेंदे के फूलों से की जाती है।
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