रिपोर्टर - राहुल यादव
लोरमी। मुंगेली जिले के लोरमी विधानसभा में एक ऐसा स्कूल है जो जर्जर हो चूका हैं जिसमे बच्चे जान को जोखिम में डालकर पढ़ने मजबूर हैं। बच्चे अपना भविष्य संवारने के लिए स्कुल जाते हैं लेकिन यहां बच्चे बारिश की वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। तेज बारिश की वजह से स्कूल के छत से पानी की धार बहने लगी। बच्चे आज भी शिक्षा के लिए तरस रहे हैं।
मध्यान भोजन भी बच्चे खड़े-खड़े खाने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में उन बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी यह एक सवाल है आज नई शिक्षा सत्र की एक महीने भी पूरी नही हुई हैं जिसमें बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. पानी से भरा क्लास आखिर कैसे पढ़ाई होगी बच्चे 70 बच्चों का यह स्कूल यह स्कूल आखिर कैसे होगी बच्चों की पढ़ाई 70 बच्चे आज भी अपने भविष्य को लेकर डर-डर की ठोकरे खाने को मजबूर आखिर कैसे होगी पढ़ाई शिक्षक भी नहीं आते जो आते हैं उनका भी मार्ग सही नहीं है।
बच्चे रास्तों को देखकर वापस चले जाते हैं। बच्चों से बात करने पर inh की टीम को चर्चा के दौरान बच्चों ने बताया कि हमारा बैग कपड़ा सब समान भीग जाता है आने और जाने में जिससे हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पुस्तक बुक कॉपी सभी भीग जाते हैं। हमें पढ़ाई करने के लिए कोई भी प्रकार का सुविधा नहीं मिल पाता है वही स्कूल के प्राचार्य से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि उनके द्वारा स्कूल विकासखंड समिति के अध्यक्ष ग्राम पंचायत के सरपंच और सभी से निवेदन किया गया कि आखिर बच्चे कैसे आएंगे और कैसे पढ़ेंगे। आपको बताते चले आपको बताते चलें शिक्षा विभाग और शासन प्रशासन के द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदूर करने हेतु पूर्ण निर्माण कराया गया था जहां भ्रष्टाचार्यों के द्वारा आज भी पुल तो बना जिसकी 500000 रूपये की स्वीकृत होने के बावजूद भी पुल का काम बेकार रहा आखिर यही वजह है जिस कारण आज प्राथमिक शाला के 70 बच्चों का भविष्य फिर से अंधकार में है।