Damoh: एमपी के तीन जिलों की सीमाओं से घिरा हुआ नौरादेही अभयारण्य प्रदेश का पहला बड़ा अभ्यारण्य है.जो पंक्षियों की चहचाहट से गुलजार है.इस अभ्यारण्य की पहचान यहां के बाघों से है वर्तमान में अभ्यारण्य में 12 बाघों का रैन बसेरा है. विशालकाय ऊंचे ऊंचे पेड़ो पर तरह तरह के पक्षि अपना घोंसला बनाकर रह रहे है.जिनकी गणना भी अब शुरू हो चुकी है.
आमतौर पर आज भी तेंदूखेड़ा ब्लॉक के दर्जन भर गांव विस्थापित प्रक्रिया में शामिल हैं लेकिन मुआवजा न मिलने की वजए से यहां के ग्रामीणों ने कई बार इन पक्षियों के दीदार किए है.
छः प्रदेशों से आए 22 छात्रों ने किया सर्वे...
देश के छह राज्यों से आए 22 छात्र और जैव विविधता प्रेमी विशेषज्ञों ने नौरादेही अभ्यारण के कर्मचारियों साथ मिलकर पक्षियों की गणना की पूरे अभ्यारण में 180 प्रकार के पक्षियों की प्रजाति पाई गई है. 11 वर्ड ट्रेल में दल को पक्षियों की प्रजातियों के साथ ही जैव विविधता वन्यजीव और वनस्पति का भी अध्ययन किया जाना था साथ ही सर्वे रिपोर्ट भी तैयार होनी है.
इस बार अभियान में न केवल पक्षी बल्कि जैव विविधता में नजर आने वाले वन्यजीव और वनस्पति पर भी अध्ययन किया जाएगा.छह राज्यों से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट वन्यजीवन पर अध्ययन कर रहे हैं. छात्र और वनरक्षक चार दिन तक नौरादेही अभयारण्य में सर्वे कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. इस दौरान नौरादेही अभयारण्य की मोहली, जमरासी, जगतराई, बरपानी, नौरादेही, सिलकुही, सर्रा, रमपुरा, उन्हारीखेड़ा और आमापानी बर्ड ट्रेल में पक्षियों की प्रजाति, उनकी संख्या और आवास व व्यवहार का अध्ययन करेंगे.