Dhar Bhojshala Survey: भोपाल। मध्य प्रदेश के धार जिले में चल रहे सर्वे के लिए ASI की टीम नये उपकरणों को लेकर आज फिर 10वें दिन सुबह 6:00 बजे भोजशाला पहुंची। हिंदूपक्ष की ओर से गोपाल शर्मा,आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष की ओर से अब्दुल समद भी दाखिल हुए। शनिवार को सर्वे टीम ने सुबह 8 :00 बजे कार्य शुरू किया था और शाम 5.30 बजे समाप्त कर दिया था।
बीता दिन धार की भोजशाला में चल रहे एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे का 8वां दिन गुरुवार को पूरा हुआ, इसके बाद ASI की टीम कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भोजशाला से रवाना हुई, गुरुवार को लगभग साढे 8 घंटे चले सर्वे में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार उत्खनन और जीपीएस जीपीआर तकनीक के साथ ही कार्बन डेटिंग तथा अन्य कई आधुनिक तकनीको से भोजशाला का सर्वे किया जा रहा है, सातवें दिन का सर्वे पूरा होने के बाद भोजशाला से बाहर आये हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने मीडिया से चर्चा में बताया कि प्रतिदिन की तरह ही आज भी सर्वे का काम जारी रहा, ऐसा कुछ भी नहीं निकला है, उन्होंने कहा कि मैं उत्साहित हूं कि सर्वे पॉजिटिव दिशा में ही चल रहा है, आने वाले समय में निश्चित ही हमको सुखद परिणाम मिलेंगे, अभी तक बेस ही तैयार हुआ है, कुछ पॉइंट नोट हो गए हैं, आज भोजशाला की छत पर भी जांच हुई, है।
भोजशाला के पीछे की और कुछ नए स्थान को प्वाइंट आउट किया है, आज दो नए लोग एएसआई की टीम में आए हैं वह अलग विधाओं के जानकार हैं, आज भोजशाला में टीम द्वारा ले जाया गए नए संसाधनों के बारे में उन्होंने कहा कि वह जिन विधाओं के जानकार हैं वह उपकरण ले जाए गए थे , वहीं उन्होंने सुबह मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान द्वारा दिए गए बयान को लेकर कहा की सबको पता है कि राजा भोज दसवीं शताब्दी के थे, कमाल मौलाना यहां पर कमलनाथ की समाधि थी, जिस पर शिवलिंग स्थापित था, सभी जानते हैं कि एक समय यहां नाथ संप्रदाय का भी समय था पूरा शहर बसा था, काल भैरव सिद्ध क्षेत्र था, नगर में जितनी भी समाधि है सभी नाथ संप्रदाय की है।
437 समाधिया नाथ संप्रदाय की नगर में मौजूद हैं, यहां कमलनाथ जी की समाधि है, काल भैरव के जो पुजारी हैं उनके पास इतिहास लिखा हुआ है कि यह उनकी समाधि है और उसी पर शिवलिंग था, अब यह उनकी हो गई और जिस कमाल मौलाना की यह बात कर रहे हैं उनकी मजार तो अहमदाबाद में बनी हुई है, यह तो उनका अपना तरीका देखने का है, उन्होंने कहा कि साँच को आंच क्या, हम तो कह रहे सर्वे करवा लो उस स्थान का, जो सत्य होगा सामने आएगा।
साथ ही बताया कि जब धार कलेक्टर राजेश राजोरा थे तब अकल कुई के पास से 10 टन वजन की विष्णु जी की प्रतिमा निकली थी जो आज भी मांडव के जहाज महल में रखी है, उस प्रतिमा में नारायण जी सोए हुए हैं और लक्ष्मी जी पैर दबा रही हैं, यह प्रतिमा अकल कुई के पास से निकली थी , आज भी भोजशाला परिसर के आसपास जाकर देख लीजिए कितनी ही प्रतिमाएं हैं जो भोजशाला की गाथा को गा रही है, आज भी खेतों में हल चलाते हैं तो प्रतिमाएं निकलते हैं, आप देख सकते हैं, आज क्या निश्चित ही आने वाले समय में सच सामने आएगा जो भोजशाला के लिए नींव का पत्थर साबित होगा, अयोध्या का टाइटल बदला है, काशी का टाइटल बदला है, निश्चित ही धार की भोजशाला का भी टाइटल बदलेगा, यह मां का मंदिर है।